अवमानना मामले में पेश नहीं होने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट से नोएडा ऑथरिटी CEO चीफ रितु माहेश्वरी के खिलाफ जारी गैर ज़मानती वारंट के मामले में माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट को से झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रितु माहेश्वरी को अंतरिम राहत देने से इनकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि अगर आप हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते तो आपको इसका नतीजा झेलना होगा। आज मौखिक सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया। कल केस लिट में होने के बाद होगी सुनवाई।
अवमानना मामले में पेश नहीं होने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट से नोएडा अथॉरिटी CEO चीफ रितु माहेश्वरी के खिलाफ जारी गैर ज़मानती वारंट को रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट में माहेश्वरी के वकील ने मामले में जल्द सुनवाई की मांग करते हुए, मामले में अंतरिम राहत की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप IAS अधिकारी हैं, आपको नियम पता है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश अधिकारियों द्वारा पालन नहीं करने पर मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने यूपी के अधिकारियों पर नाराजगी भी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर दूसरे दिन कुछ अधिकारी गंभीर मामलों में भी निर्देश के लिए कोर्ट का जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हम हर रोज़ इलाहाबाद HC के आदेशों का उल्लंघन होता है, यह दिनचर्या हो गई है, हर रोज़ एक अधिकारी कोर्ट आ जाता है, यह क्या है? आप अदालत के आदेश का सम्मान नहीं करते हैं।
दरअसल, नोएडा के सेक्टर 82 में प्राधिकरण ने 1989 को और 1990 में अर्जेंसी क्लॉज के तहत भूमि का अधिग्रहण किया था, जिसके खिलाफ जमीन के मालकिन मनोरमा कुच्छल ने चुनौती दी थी। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2016 में मनोरमा के पक्ष में फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने अर्जेंसी क्लॉज के तहत प्राधिकरण के द्वारा लिए गए जमीन अधिग्रहण को रद्द कर दिया और प्राधिकरण को आदेश दिया केई याचिकाकर्ता को सर्किल रेट से दुगने दरों में मुआवजा देने को कहा था।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेशों के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया। सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला याचिकाकर्ता के पक्ष में सुनाया और इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेशों का पालन करने का आदेश प्राधिकरण को दिया।
आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता को मुआवजा नहीं दिया गया तो याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना का याचिका प्राधिकरण के खिलाफ दायर की, जिसके बाद हाई कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रितु महेश्वरी को दो बार कोर्ट में बुलाया। लेकिन वह नहीं पहुंच पाई। जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रितु माहेश्वरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए पुलिस कस्टडी में अदालत के अंदर पेश होने का आदेश दिया।