डेस्क: चित्रकूट के मानिकपुर तहसील अंतर्गत आधा दर्जन गांवों को डायरिया ने अपनी आगोश में ले लिया है. जिसके बाद से अब तक डायरिया से तक़रीबन आधा दर्जन मौते हो चुकी हैं. 1 दर्जन से ज्यादा लोग बीमार हो चुके हैं. लेकिन विभागीय लापरवाही की पराकाष्ठा है कि राजस्व की टीम तो गांवों में गई लेकिन चिकित्सा अधीक्षक मानिकपुर की तरफ से कोई टीम नही भेजी गई. इस बीच डायरिया ने जमकर अपने पंजे पाठा क्षेत्र में जमा लिए. जिसके चलते विगत 2 दिन पूर्व 2 मासूम बच्चियों की इस बीमारी से मौत हो गई.
आपको बता दें कि 2 दिन पूर्व मानिकपुर के चूल्ही ग्राम में दो सगी बहनों की डायरिया की बीमारी के चलते मौत हो गई थी. जिसके बाद भी मानिकपुर के विभिन्न गांवों में डायरिया फैलने के बाद जब टीम सक्रिय नही हुई तो मानिकपुर एसडीएम प्रमेश श्रीवास्तव ने चिकित्सा अधीक्षक मानिकपुर को पत्र लिखकर टीम भेजने को कहा लेकिन मानिकपुर से कोई टीम नही पहुँचीं. जिसके बाद खबर को संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तेज़ी दिखाते हुए गांवों में जाकर डायरिया से ग्रसित मरीज़ो में दवाओं का वितरण किया. तो वहीं कुओं के प्रदूषित पानी के उपयोग के लिए ग्रामीणों को मना किया गया.
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ चौरिहा ने कहा कि उनके द्वारा टीम ने गांवों का भ्रमण कर दवाएं वितरित कर दी है. चूल्हि गांव में दूषित पानी पीने से 3 बच्चो को डायरिया हुआ था जिनमे 2 बच्चो की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वही तीसरी बच्ची का जिला चिकित्सालय में इलाज चल रहा है. उनके द्वारा गांव में दवाएं वितरित कर दी गई है, हमारी टीम लगातार गांव का भ्रमण कर मरीज़ो को दवा देगी और आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल में भर्ती कर समुचित इलाज करेगी.