
Desk: उम्रकैद की सजा काट रहे मुल्ज़िमों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम् फैसला लिया है. शीर्श कोर्ट नें कहा कि राज्य को आजीवन कारावास दोषियों की समयपूर्व रिहाई के लिए अपनी नीति को उद्देश्यपूर्ण और पारदर्शी तरीके से लागू करना चाहिए. ह देखते हुए कि कई अपराधी सजा में छूट के लिए आवेदन करने के लिए कानूनी संसाधनों तक पहुंचने में असमर्थता के कारण लंबी सजा काटने के बावजूद जेल में बंद हैं, अदालत ने कहा कि राज्य को योग्य कैदियों के मामलों पर सतत विचार करना चाहिए.
दिल्ली
— भारत समाचार (@bstvlive) September 12, 2022
➡सुप्रीम कोर्ट का उम्रकैद के मुल्ज़िमों को लेकर फैसला
➡राज्य को योग्य कैदियों के मामले पर विचार करना चाहिए-SC
➡समयपूर्व रिहाई के लिए पारदर्शी तरीका से लागू करें- SC
➡जिन कैदियों की रिहाई संभव हो रिहाई की जा सके-SC।#Delhi #SupremeCourtOfIndia pic.twitter.com/HzFzMggoQA
ये निर्णय जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने उत्तर प्रदेश में कैदियों द्वारा सजा में छूट की मांग करने वाली रिट याचिकाओं के एक बैच का फैसला करते हुए कहा. आपको बता दें कि ये 512 दोषियों से जुड़े मामले हैं.
निर्णय लेते हुए कोर्ट नें कहा कि समय से पहले रिहाई के लिए नीति का कार्यान्वयन एक उद्देश्यपूर्ण और पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए. अन्यथा यह अनुच्छेद 14 और 21 के तहत संवैधानिक गारंटी पर प्रभाव डालेगा.