यूपी सरकार के ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं की उपलब्धियां गिनाई। राजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा महात्मा गांधी नरेगा योजना 2006 में शुरू की गई। जिसके उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रो में लोगो को 100 दिवस का रोजगार मुहैया कराना था। विगत साढ़े 4 साल में 103,27 करोड़ मानव दिवस सर्जन, 246.55 लाख परिवारों को रोजगार, 302.99 लाख श्रमिको को रोजगार, 503619 व्यक्तिगत लाभार्थिक कार्य, 452465 भूमि विकास सम्बन्धी कार्य और 528303 जल संचयन एवं संरक्षण किया गया।
उन्होने आगे कहा, कोरोना काल मे 2020 से 2021 में देश मे सर्वाधिक 12626.46 लाख व्यय कर यूपी ने देश मे पहला स्थान प्राप्त किया। 94.37 लाख परिवारों को रोजगार में यूपी ने पहला स्थान । 39.46 लाख मानव दिवस सृजित किये। 779085 परिवारों को 100 दिन रोजगार दिया गया। 26.6.20 को 1 दिन में 62.25 लाख श्रमिको को नियोजित किया गया।
इसके साथ ही श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुबर्न मिशन में विगत 4 सालों में भारत व राज्य सरकार द्वारा सीजीएफ के रूप में कुल 398.18 करोड़ धनराशि मिली। जिसमे 300.50 करोड़ का व्यय कर 75.47 प्रतिशत की प्रगति की गई। यूपी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में शानदार काम किया गया। प्रधामंत्री आवास योजना में 2022 तक पात्र सभी परिवारों को आवास देने का लक्ष्य है, सामान्य क्षेत्रो में 1 लाख 20 हजार और नक्सल प्रभावित जनपदों के लिए 1.30 लाख निर्धारित है।
आवास में शौचालय हेतु स्वच्छ भारत मिशन पंचायती राज विभाग द्वारा धनराशि उपलब्ध कराई गई। आवास लाभार्थी को मनरेगा योजना से जोड़ा गया। 14.49 लाख पात्र लोगो को आवास आवंटित है। 2020 – 21 से आवास प्लस से आवंटन। 49.54 लाख आवास प्लस के लाभार्थियों में 27.98 लाख पात्र पाए गए। 11.66 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य को छूने वाला युपी पहला राज्य बना। पीएम आवास योजना 1 अप्रैल 2016 से लागू हुई। 2017 तक केवल 1.39 लाख आवास स्वीकृत हुए , मार्च 2017 से अब तक 22.54 लाख आवास का निर्माण पूर्ण कराया गया।
जिसमें यूपी पहले स्थान पर है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कई राष्टीय पुरुष्कार मिले। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण में 2018 – 19 से अब तक 1.08 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य है। जिसमे 84.414 आवासों का निर्माण कराया गया शेष निर्माणधीन है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रो में 500 व इससे अधिक आबादी वाले गांवों की सड़क को मुख्य सड़क से जोड़ना था जिसे यूपी में पूरा किया जा चुका है।