45 करोड़ की लागत और 6 महीने में चूर चूर। रायबरेली से बड़ी खबर सामने आई है । यहां की सड़क ग्रामीणों के लिए बड़ी मुसीबत बनकर उभरी है । 45 करोड़ की लागत से ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की ओर से 6 महीने पहले बनीं सड़कें मिट्टी में मिल गई हैं जिस वजह से एक लाख से ज्यादा लोगों को आने-जाने में परेशानी झेलनी पड़ रही है। जानकारी के मुताबिक इन सड़कों की क्षमता 25 टन भार सहने की है, लेकिन इनपर डंपर, ट्रक समेत अन्य भारी वाहन दौड़ाए जा रहे हैं, जिनकी क्षमता 80 टन से ज्यादा है इस वजह से सड़क पर कई गढ़्ढ़े हो गए है।
दरअसल, रायबरेली-प्रयागराज हाईवे के चौड़ीकरण और गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण में मिट्टी ढुलाई में लगे डंपर सड़कों की सूरत बिगाड़ रहे हैं। जगतपुर ब्लॉक क्षेत्र में लल्ली की चक्की संपर्क मार्ग की लंबाई नौ किमी है। ओवरलोड डंपरों के आने-जाने से सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। ग्रामीण हर्षित हो गई है। चौहान, अनुराग सिंह, रामजी, शिवम सिंह, सुजीत शर्मा ने बताया कि सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। आए दिन लोग गिरकर चोटिल हो रहे है। डीह से सूची होते हुए पिछवारा जाने वाली 14 किमी सड़क छह महीने पहले बनी थी।
इसके अलावा सूची पेट्रोल पंप और इटारा गांव के पास पुलिया टूट गई है। इससे आने-जाने में लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। इसी तरह राजघाट से कठगर तक 12 किमी लंबे मार्ग का निर्माण छह महीने पहले कराया गया है। मुंशीगंज में ओवरब्रिज निर्माण के लिए डलमऊ, फतेहपुर जाने वाले छोटे और भारी वाहन इसी मार्ग से निकलते हैं। भारी वाहनों के आने-जाने से सड़क जगह-जगह टूट गई है। शिवगढ़ ब्लॉक क्षेत्र में भवानीगढ़ चौराहा वाया बेड़ारू जाने वाला मार्ग गड्ढों में तब्दील है। गड्ढों में बरसात का पानी भर गया है। निकलने में लोगों को परेशानी हो रही है। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के एक्सईएन केके मिश्रा ने बताया कि ओवरलोड वाहनों के आने-जाने से 10 से ज्यादा सड़कें खराब हुई हैं।
वहीं इस मामले में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के एक्सईएन केके मिश्रा ने बताया कि ओवरलोड वाहनों के आने-जाने से 10 से ज्यादा सड़कें खराब हुई हैं। भारी वाहनों का संचालन रोकने के लिए जिला प्रशासन से पत्राचार किया गया है। बारिश के बाद सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी।