यूपी में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया छात्रवृति की सौगात

उत्तर प्रदेश में संस्कृत का अध्ययन करने वाले छात्र -छात्राओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रवृति की सौगात रविवार को दिया। वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत छात्रवृति योजना का शुभारंभ किया।

उत्तर प्रदेश में संस्कृत का अध्ययन करने वाले छात्र -छात्राओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रवृति की सौगात रविवार को दिया। वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत छात्रवृति योजना का शुभारंभ किया। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत का अध्ययन करने वाले छात्र -छात्रों के लिए कई बड़े ऐलान किया। वही संस्कृत विद्यालयों में भी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए सीएम ने अनुदान देकर संस्कृत के अध्ययन को बढ़ावा देने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को संस्कृत का अध्ययन करने वाले 6919 विद्यार्थियों को 586 लाख रुपए की छात्रवृति प्रदान किया। सीएम योगी के एक क्लिक से छात्रों के बैंक खाते में डिजिटल माध्यम से पैसे ट्रांसफर हुए।

सपा और कांग्रेस ने संस्कृत भाषा की उपेक्षा, मात्र 300 छात्रों को मिलती थी छात्रवृति : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

विद्या की राजधानी काशी से रविवार को उत्तर प्रदेश के समस्त संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना की विधिवत शुरुआत कर मुख्यमंत्री ने संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की सरकार पर संस्कृत भाषा की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का कार्यक्रम संस्कृत एवं भारतीय संस्कृति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। संस्कृत भाषा को भारतीय संस्कृति के ऊर्जा का स्वर बताया। इसी ऊर्जा से हर व्यक्ति आह्लादित हो। गरीब एवं असहाय बच्चो के लिए छात्रवृति की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन संस्कृत भाषा का क्यों उपेक्षा किया गया यह समझ से परे है। अब तक संस्कृत के 300 बच्चों को ही छात्रवृति की व्यवस्था रही।

संस्कृत के रिक्त पदों मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही भर्ती की व्यवस्था किए जाने का किया ऐलान

मुख्यमंत्री ने संस्कृत विद्यालय, महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर शीघ्र ही भर्तियां करने की व्यवस्था करने के लिए कहा, तब तक उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अध्यापकों की व्यवस्था करने पर भी विशेष जोर दिया। ताकि बच्चों की शिक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे। उन्होंने संस्कृत को वैज्ञानिक भाषा के दृष्टि से भी आगे बढ़ाए जाने पर विशेष जोर दिया। मुख्यमंत्री कहा कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पुरातन संस्कृति का संवर्धन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री के नेतृत्व में भारत की सभ्यता, संस्कृति उठ खड़ी हुई है जिसको संस्कृत द्वारा उचित समय दिया जायेगा।

रिपोर्ट : नीरज कुमार जायसवाल

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