
Ghaziabad: गाजियाबाद पुलिस का एक और कारनामा सामने आया है. इस मामले में फ्रॉड अनूप चौधरी को पुलिस ने 7 बार गनर दिया था. पिछले 3 सालों में 7 बार कमिश्नरेट से गनर मिले थे. बीते पिछले महीने अभी 14 सितंबर को भी गनर आवंटित हुआ था. गाजियाबाद पुलिस का भ्रष्टाचार खुलकर सामने आया. गाजियाबाद कमिश्नरेट की कार्यशैली सवालों के घेरे में आई और गाजियाबाद से कितने लोगों को गनर मिले इसका अभी कोई जांच नहीं हुआ है. गाजियाबाद कमिश्नरेट के किसी अफसर पर एक्शन नहीं ली. फ्रॉड अनूप चौधरी को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. गाजियाबाद कमिश्नरेट के पुलिस अफसरों से चौधरी का संपर्क का मामला सामने आया. अनूप चौधरी के वाट्सएप से कई बड़े खुलासे होंगे. फजीहत के बाद गाजियाबाद पुलिस ने एफआईआर लिखी, लेकिन गनर तो बड़े-बड़े अफसरों ने खुद स्वीकृत किए थे, गाजियाबाद के पुलिस अफसर चौधरी के फर्जीवाड़े में शामिल है.
गाजियाबाद
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) October 25, 2023
➡गाजियाबाद पुलिस का एक और कारनामा
➡फ्रॉड अनूप चौधरी को पुलिस ने 7 बार गनर दिया था
➡पिछले 3 सालों में कमिश्नरेट से 7 बार गनर मिले
➡अभी 14 सितंबर को भी गनर आवंटित हुआ था
➡गाजियाबाद पुलिस का भ्रष्टाचार खुला
➡गाजियाबाद कमिश्नरेट की कार्यशैली सवालों के घेरे में… pic.twitter.com/4uxBcXEtsu
बता दें कि UPSTF ने जिस फर्जी अनूप चौधरी को अयोध्या से गिरफ्तार किया है. वो राजा बाबू फिल्म के गोविंदा से कम नहीं है. वर्ष 2020 से गाज़ियाबाद से अलग अलग पदो से कुल 7 बार गनर ले चुका है. आखरी बार उसने 14 सितंबर को गनर लिया था. जो अयोध्या में पकड़ा गया है, गाजियाबाद पुलीस ने लाज बचाने को मामले के खुलने के बाद FIR दर्ज करवाई है. जांच हुई तो कमिश्नरेट के कई अफसर चपेटे में आएंगे.
ग़ाज़ियाबाद एसटीएफ ने जिस फर्जी अनूप चौधरी को गिरफ्तार किया है. उसे 2020 से गाज़ियाबाद से गनर मिला हुआ था. FCI और अन्य आयोग का सदस्य दिखाकर लिया था. अनूप चौधरी ने गनर बीजेपी के एससी मोर्चा से लेकर FCI के सदस्य जोन के फर्जी पत्र देकर लिए थे. जहाँ कविनगर थाने के में FIR दर्ज हुई. अनूप चौधरई के खिलाफ IPC की धारा 419, 468 और 471 के तहत हुई FIR. गाजियाबाद के पुलिस अफसरों का फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. जिसमें फ्रॉड अनूप चौधरी को पुलिस ने 7 बार गनर दिया था. जिसका खुलासा फ्रॉड अनूप चौधरी के वाट्सएप से होने की संभावना है. गाजियाबाद पुलिस ने एफआईआर लिखने से इंकार कर दिया था. लेकिन फजीहत के बाद गाजियाबाद पुलिस ने एफआईआर लिखी. इस संबंध में गाजियाबाद के पुलिस अफसर चौधरी के फर्जीवाड़े में शामिल है.









