भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स घटक निर्माण को बढ़ावा देने के लिए ₹22,919 करोड़ की योजना
कैपेक्स आधारित प्रोत्साहन योजना भी दी जाएगी। सरकार की योजना है कि कंपनियों को 50% से कम खर्च पर प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की बड़ी पहल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को ₹22,919 करोड़ (2.7 बिलियन डॉलर) की योजना को मंजूरी दी है, जो भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स घटकों के स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देने के लिए है। यह योजना घरेलू और विदेशी कंपनियों को सब्सिडी के तहत स्थानीय निर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
91,600 रोजगार सृजन और 53.5 बिलियन डॉलर के उत्पाद निर्माण का लक्ष्य केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह छह साल की योजना ₹59,350 करोड़ (7 बिलियन डॉलर) का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखती है, जो ₹4.6 ट्रिलियन (53.5 बिलियन डॉलर) के उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा देगी। इस योजना के तहत 91,600 नौकरियां सृजित होने का अनुमान है।
उत्पादन क्षेत्रों में लिथियम-आयन बैटरी, पीसीबी और डिस्प्ले मॉड्यूल शामिल इस योजना में लिथियम-आयन बैटरी कोशिकाओं, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी), डिस्प्ले और कैमरा मॉड्यूल के सब-अस्सेम्बलिंग और अन्य घटकों पर फोकस किया जाएगा। कंपनियों को उत्पाद टर्नओवर लक्ष्यों के आधार पर प्रोत्साहन मिलेगा, जिसे भारत के सेमीकंडक्टर प्रोत्साहन योजनाओं के अनुरूप अंतिम रूप दिया जाएगा।
कैपेक्स प्रोत्साहन योजना से घटक निर्माण में वृद्धि इस योजना के तहत घटकों और कैपिटल गुड्स के निर्माण के लिए कैपेक्स आधारित प्रोत्साहन योजना भी दी जाएगी। सरकार की योजना है कि कंपनियों को 50% से कम खर्च पर प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
“डिज़ाइन इन इंडिया” योजना का इंतजार एचसीएल टेक्नोलॉजीज़ के सह-संस्थापक अजय चौधरी ने कहा कि यह योजना भारत में उच्च मूल्यवर्धन सुनिश्चित करेगी और जस्ट-इन-टाइम मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगी। उन्होंने “डिज़ाइन इन इंडिया” योजना के लिए भी अपनी उम्मीद जताई, जो सेमीकंडक्टर और सिस्टम निर्माण के लिए जरूरी है।