
आज यानी 29 मार्च 2025 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। हिंदू धर्म में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता, इसलिए इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है। यह ग्रहण दोपहर 2:20 बजे शुरू होकर शाम 6:16 बजे तक रहेगा। हालाँकि, यह भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, इस समय कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए। आइए जानते हैं कि ग्रहण के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए।
ग्रहण के दौरान इन गलतियों से बचें
नग्न आंखों से सूर्य न देखें
ग्रहण के दौरान सूर्य को बिना किसी सुरक्षा के देखना न सिर्फ वैज्ञानिक रूप से हानिकारक है, बल्कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भी इसे अशुभ माना जाता है। इससे आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और मन पर भी दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं।
ग्रहण के समय भोजन न करें
शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के दौरान खाना-पीना वर्जित होता है। मान्यता है कि इस समय नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है, जिससे भोजन दूषित हो सकता है और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। खासकर गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को इस समय भोजन से बचने की सलाह दी जाती है।
घर से बाहर न निकलें
ग्रहण के दौरान घर से बाहर जाना भी अशुभ माना जाता है। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को घर के अंदर ही रहना चाहिए। यह समय आत्ममंथन और शांति बनाए रखने के लिए उत्तम होता है।
धार्मिक कार्य न करें
ग्रहण काल में कोई भी पूजा-पाठ, मंत्र जाप, हवन या अन्य धार्मिक कार्य करने की मनाही होती है। यह समय ध्यान और आत्मचिंतन के लिए अधिक उपयुक्त माना गया है।
स्नान करने से बचें
ग्रहण के दौरान स्नान करना कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वर्जित होता है। इस दौरान नदियों में स्नान करना भी अशुभ माना जाता है।
ग्रहण समाप्त होने के बाद क्या करें?
स्नान करें: ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर शरीर को शुद्ध करें।
दान करें: जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
घर की शुद्धि करें: घर में गंगाजल छिड़कें, दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाकर शुद्ध वातावरण बनाएं।
धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें: इस समय श्रीमद्भगवद गीता, रामायण या किसी भी धार्मिक पुस्तक का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
सूर्य ग्रहण का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से खास महत्व है। हालांकि यह भारत में नहीं दिखेगा, फिर भी इसकी मान्यताओं का पालन करना शुभ माना जाता है। इस दौरान कुछ खास नियमों का ध्यान रखकर आप नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं और ग्रहण के बाद पूजा-पाठ व दान करके सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं।