यूपी में कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था जग-जाहिर थी। एक तरफ जहां राज्य में कोरोना ने कहर बरपाया और भारी संख्या में लोगों अपने प्रियजनों को खोया तो वहीं दूसरी तरफ इस महामारी के दौरान उन लोगों की मेहनत भी काबिले तारीफ रही जिन्होंने लोगों की जान बचाने में लगातार जुटे रहे। प्रदेश की 108 और 102 एम्बुलेंस सेवा भी इस काम में जुटी रही। उसके कर्मचारियों ने भी इस विषम परिस्थिति से निपटने में अपना बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
गुरवार को खबर आई कि जिस कम्पनी को 108 और 102 एम्बुलेंस सेवा संचालित करने का टेंडर दिया गया है उसमे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। भ्रष्टाचार को नियंत्रित करके प्रदेश की छवि संवारने का दावा करने वाली सरकार की नाक के नीचे चल रहे एल एंड एम कारपोरेशन, एम्बुलेंस सेवा प्रदाता कम्पनी बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की कवायद कर रही है। नाम ना बताने की शर्त पर कंपनी के एक कर्मचारी ने गुरूवार को यह जानकारी दी कि निर्धारित एम्बुलेंस ट्रिप के लक्ष्य को पूरा कराने के लिए उनपर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है और फर्जी टारगेट पूरा करने को कहा जा रहा है।
दरअसल, उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि उनको निर्देशित किया गया कि बीते शुक्रवार की शाम 7 बजे तक 102 और 108 एम्बुलेंस सर्विस में कम केस मिले थे जिससे निर्धारित लक्ष्य पूरा नहीं हो सका था और रोज की तुलना में कम्पनी को ज्यादा लाभ नहीं हुआ था। अब इन कम केसों की भरपाई करने के लिए उन्हें शनिवार को निर्देशित किया गया कि शाम 7 बजे तक उन्हें 108 एम्बुलेंस सर्विस में कम से कम 8 ट्रिप और 102 एम्बुलेंस सर्विस में कम से कम 14 ट्रिप पूरी करनी है। उन्होंने एक व्हाट्सऐप स्क्रीनशॉट भी सांझा किया।
कर्मचारी ने बताया कि आये दिन उन्हें इस तरीके की समस्या का सामना करना पड़ता है और इस दौरान वो मानसिक प्रताड़ना से जूझते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इसके जरिए भारी मात्रा में कंपनी के द्वारा धन उगाही की जाती है जबकि इसका खामियाजा एम्बुलेंस के ड्राइवरों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने सीधे तौर पर यह आरोप लगाया कि कंपनी कर्मचारियों का शोषण कर रही है और जबरदस्ती काम के बोझ की तुलना में अपेक्षाकृत कम वेतन और देर से वेतन मिलने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।