गाजियाबाद; आपके आसपास घूमने वाले आवारा व पालतू कुत्ते खतरानाक हो सकते हैं. इन कुत्तों से खुद को खासकर बच्चों को सावधान रहने की जरूरत है. जरा सी चूक अपने के लिए भारी पड़ सकती है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि गाजियाबाद में एक ऐसी ही घटना घटी है. जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअलल, गाजियाबाद के विजय नगर इलाके में एक 14 साल के बच्चे को उसके पड़ोस में रहने वाली महिला के पालतू कुत्ते ने 1 माह पहले काट था.
लेकिन बच्चे ने कुत्ते के काटने की जानकारी परिजनों को नहीं दी. घटना के डेढ़ महीने बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ी. तब परिजनों को मामले की जानकारी मिली. पिता जब बच्चे को दिखाने GTB अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने बच्चे को लाइलाज बीमारी रेबीज से ग्रसित बताकर इलाज करने से मना कर दिया. जिसके बाद उनके पैरों तले से जमीन खिसक कई.
पिता बच्चे को लेकर अस्पतालों के चक्कर काटता रहा. लेकिन उपचार ना होने के कारण एंबुलेंस में ही पिता की गोद में बच्चे की तड़प-तड़पकर मौत हो गई. जिसके बाद मृतक बच्चे के दादा की तहरीर पर विजय नगर थाने में 4 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. मामले की जांच पुलिस कर रही है. वहीं. नगर निगम ने महिला को नोटिस भेजकर महज खानापूर्ति की कार्रवाई की है.
क्या है रेबीज बीमारी
रेबीज बीमारी कुत्तों के काटने से होती है. यह बीमारी उन लोगों को होने की संभावना अधिक रहती है जो कुत्ते के काटने पर इंजेक्शन नहीं लगवाते. इस बीमारी से ग्रसित लोगों के मुंह से कुत्ते के भौंकने की आवाज आती है. साथ ही पानी से भी डर लगने लगता है.
लापरवाह प्रशासन
आवारा व पालतू कुत्तों के काटने की कई वारदातें अक्सर सामने आती रही हैं. ऐसी घटनाओं की वजह से अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है. लेकिन फिर भी इन कुत्तों के काटने की घटनाओं पर प्रशासन कोई नियंत्रण नहीं लगा पा सहा. या फिर यूं कहें कि इन घटनाओं को प्रशासन हल्के में लेते आ रहा है.