206 डेबिट-क्रेडिट कार्ड…58 पासबुक…बरामद,लोन दिलाने वाले गैंग के 2 शातिरों को दादरी पुलिस ने किया गिरफ्तार

कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर के थाना दादरी पुलिस ने फर्जी तरीके से लोन और क्रेडिट कार्ड दिलाने वाले एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है.

ग्रेटर नोएडा- डिजिटल ठगी के साथ इन दिनों फर्जी तरीके से लोन और क्रेडिट कार्ड के मामले भी बढ़ते जा रहे है. जिसपर लगाम लगाने के लिए पुलिस काम कर रही है. इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा की दादरी पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है.

बता दें कि पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर के थाना दादरी पुलिस ने फर्जी तरीके से लोन और क्रेडिट कार्ड दिलाने वाले एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने अभियुक्तों के पास से बहुत सारा सामान भी बरामद किया है.शातिरों के पास से 206 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 58 पासबुक, 40 आधार कार्ड, 40 पैन कार्ड, 70 चेक बुक, 35 फोल्डर किट, 6 पे टी एम स्वाइप मशीन, 30 मोबाइल फोन और एक टाटा हैरियर कार बरामद की गई है.

शातिरों ने फर्जी दस्तावेज-बैंक खातों का किया इस्तेमाल

अभियुक्तों की पहचान गोविन्द सिंह (28 वर्ष) निवासी फरीदाबाद और विशाल चन्द्र सुमन (41 वर्ष) निवासी ईको विलेज-1, ग्रेटर नोएडा के रूप में हुई है.पुलिस के मुताबिक ये लोग फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, और अन्य दस्तावेज़ों का इस्तेमाल कर विभिन्न बैंकों से लोन और क्रेडिट कार्ड प्राप्त करते थे. इसके लिए ये गैंग नकली रेंट एग्रीमेंट के जरिए लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर बदलवा कर बैंक में खाते खुलवाता था.

मास्टरमाइंड का हाल ही में मर्डर

इतना ही नहीं पुलिस पूछताछ में अभियुक्तों अपने कई जुर्मों को कबूल किया है. पुलिस पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया किया कि उनके साथ काम करने वाला मास्टरमाइंड अमित कुमार सिंह का हाल ही में 7 अक्तूबर को मर्डर हो गया था. अमित कुमार सिंह के साथ मिलकर ये लोग फर्जी कंपनी ‘मैफर्स फैशन प्रा0लि0’ की सैलरी स्लिप का इस्तेमाल कर 40-50 लाख रुपये तक के लोन और क्रेडिट कार्ड जारी कराते थे.इसके बाद लोन की रकम का बड़ा हिस्सा खुद रखकर लोन कराने वाले व्यक्ति को 40-50 हजार रुपये या कभी-कभी 1 लाख रुपये तक देते थे.

नए-नए ट्रिक लगाकार ठगी को देते थे अंजाम

जानकारी के लिए बता दें कि अभियुक्तों का तरीका काफी शातिराना था.वे नकली आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाकर बैंक में खाते खुलवाते थे.इसके बाद उस खाते में फर्जी सैलरी ट्रांसफर करवा कर लोन और क्रेडिट कार्ड जारी करवाते थे.क्रेडिट कार्ड और लोन की रकम का बड़ा हिस्सा ये खुद रख लेते थे.इस पूरे फर्जीवाड़े से गैंग ने टाटा हैरियर जैसी महंगी कार भी खरीदी थी, जो कि पुलिस ने बरामद कर ली है.

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