मां मनसा देवी शोभा यात्रा का 50वां वर्ष, 100 से अधिक झांकियों के बेड़े में हर समुदाय के लोग होंगे शामिल

प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार फिर से काशीपुर में नवरात्रि में निकाली जाने वाली मां मंशा देवी की विशाल शोभा यात्रा की तैयारियां अपने अंतिम चरण में है

प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार फिर से काशीपुर में नवरात्रि में निकाली जाने वाली मां मंशा देवी की विशाल शोभा यात्रा की तैयारियां अपने अंतिम चरण में है। इस बार मां मनसा देवी की विशाल शोभायात्रा में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शिरकत करेंगे।

इस शोभायात्रा का इतिहास सैकड़ो वर्ष पुराना रहा है। उस वक़्त मां की प्रतिमा शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि को एक टोकरी में सिर पर रखकर और बाद में ठेले पर रखकर ले जाई जाती थी। धीरे धीरे यह स्वरूप समय के साथ आधुनिकता का रूप लेता गया और पिछले 49 वर्षों से इस शोभायात्रा में स्वचालित झांकियों का बेड़े के साथ साल दर साल इस शोभायात्रा का स्वरूप बढ़ता गया और इस शोभायात्रा के नेतृत्वकर्ता रमेश चंद्र शर्मा उर्फ खुट्टू मास्टर रहे। उनके निधन के बाद उनके पुत्र विकास शर्मा ने इस शोभायात्रा की सफलता की कमान सँभाली।

पिछले दो वर्षों से कोरोना वैश्विक महामारी के चलते इस शोभायात्रा का आयोजन सूक्ष्म तरीके से किया गया। इस वर्ष आधुनिकता वाली शोभायात्रा के 50 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और आगामी 3 अक्टूबर को यह शोभायात्रा अपने विशाल रूप में निकलेगी जोकि 3 अक्टूबर को दिन में 1 बजे माँ मंशा देवी मंदिर से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए चामुंडा पहुंचेगी। जहां से वापस 3और 4 अक्तूबर की मध्यरात्रि में वापस मां मंशा देवी मंदिर पहुंचकर समाप्त होगी।

शोभायात्रा आयोजकों के मुताबिक इस बार शोभायात्रा में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड वन निगम के अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी के संग शिरकत करेंगे। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पानीपत के अलावा बिहार की लाइटे आकर्षण का केंद्र रहेंगी। उन्होने बताया कि इस बार 100 से अधिक झांकियों का बेड़ा शोभायात्रा में शामिल होगा। हिन्दू मुस्लिम सभी समुदाय के लोग इसमें अपना सहयोग करते हैं। आयोजकों के मुताबिक यह शोभायात्रा 6 किलोमीटर के दायरे में निकलेगी। दोपहर 1 बजे शुरू होकर वापस मध्यरात्रि 3 बजे समाप्त होगी।

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