69000 Teacher Recruitment Case: मामले पर CM Yogi की बैठक आज, ले सकते हैं बड़ा फैसला…

मामले की गंभीरता को देखते हुए छुट्टी के दिन भी बेसिक शिक्षा निदेशालय खोलकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने अधिकारियों के साथ बैठक की।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा 69000 शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों की चयन सूची को एक बार फिर नए सिरे से बनाने का आदेश दिया गया है। जिसके बाद से बेसिक शिक्षा विभाग में हलचल बढ़ गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए छुट्टी के दिन यानी बीते शनिवार को भी बेसिक शिक्षा निदेशालय खोलकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने अधिकारियों के साथ बैठक की। अब खबर है कि रविवार यानी 18 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में खुद बेसिक शिक्षा विभाग व शासन के प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले में योगी सरकार महाधिवक्ता से राय लेने के बाद ही आगे बढ़ेगी।

छुट्टी के दिन भी खुला रहा शिक्षा निदेशालय

दरअसल, कल इलाहबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद से ही बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी इसका रास्ता निकालने में जुट गए हैं। जिसको लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने शनिवार को बेसिक शिक्षा निदेशक, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद आदि विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इसके सभी पक्षों की जानकारी ली है। इस दौरान विभाग ने इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के बारे में भी चर्चा की। साथ ही कोर्ट के आदेश के तहत नई सूची तैयार करने पर भी चर्चा की गई।

आज CM Yogi करेंगे बैठक

बता दें, कल के बैठक में नई सूची बनने से कितने ऐसे युवा जो पहले से नौकरी कर रहे प्रभावित होंगे, इसपर भी चर्चा की गई है। वहीं, मामले में अब तक हुई कार्यवाही का ब्योरा भी जुटाया गया। ऐसी अटकलें हैं कि रविवार को होने वाली बैठक में CM Yogi के साथ विभाग इसके सभी पक्षों पर चर्चा कर सकता है। जिसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से एक प्रेजेंटेशन भी तैयार किया जा रहा है। जिसे विभाग आज की बैठक में सीएम के सामने प्रस्तुत करेगा।

इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

इसमें आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को राहत देने के साथ-साथ अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। क्योंकि अगर पहले से नौकरी कर रहे कुछ युवा प्रभावित होते हैं तो उनके लिए भी सरकार कोई न कोई रास्ता बनाएगी। क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग ने कल ही बयान जारी कर कहा था कि किसी भी युवा के भविष्य के साथ अन्याय नहीं होगा। ऐसे में यह माना जा रहा है कि सरकार पहले से नौकरी कर रहे युवाओं के लिए भी कोई न कोई रास्ता निकालेगी।

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