
रिपोर्ट : नीरज जायसवाल, वाराणसी
वाराणसी। काशी के सभी 84 घाटों की सफाई व्यवस्था संभालने वाली निजी कंपनी और नगर निगम के विवाद की वजह से इन दिनों सफाई व्यवस्था ठप है। जिसकी वजह से देशी – विदेश में अपनी पहचान रखने वाली काशी के घाट बदरंग हो गए है। काशी में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटकों को गंगा घाटों पर गंदगी के अंबार से रूबरू होना पड़ रहा है। काशी के घाटों की बरदंग स्थिति से नगर निगम के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
निजी कंपनी ने नगर निगम पर पेमेंट न करने का लगाया आरोप
वाराणसी के पौराणिक सभी घाटों की स्वच्छता की जिम्मेदारी संभालने वाली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम की तरफ से उनको पेमेंट नही किया गया है। जिसकी वजह से वह कर्मचारियों को पेमेंट नही दे पा रहे है। नगर निगम से जब तक पेमेंट क्लियर नही होगा, वह कर्मचारियों को पेमेंट देने में असमर्थ हैं। जानकारी के अनुसार नगर निगम की तरफ से करीब 3 महीनो का पेमेंट क्लियर नही किया गया है। जिसके कारण निजी कंपनी ने अपने करीब 300 से अधिक कर्मचारियों की सैलरी नही दे पा रही है।
घाटों पर खुद सफ़ाई करने पर मजबूर हुए तीर्थ पुरोहित
नगर निगम और निजी कंपनी के विवाद के बीच फैली दुश्वारियों को लेकर काशी के घाट पर बैठने वाले तीर्थपुरोहितों में आक्रोश का माहौल है। घाटों पर फैली गंदगी को तीर्थ पुरोहित खुद साफ कर रहे है। तीर्थपुरोहितो की माने तो वह गंदगी के बीच बैठने के लिए मजबूर है, जितना हो सकता है घाट पर वह खुद सफाई कर रहे है, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालु घाट पर बैठ पूजन – अर्चन कर सके।
घाटों की गंदगी को लेकर सख्त हुए महापौर तत्काल पेमेंट करने का दिया निर्देश
काशी के घाटों पर फैली गंदगी की खबरों को लेकर वाराणसी नगर निगम के नवागत महापौर अशोक तिवारी काफी सख्त नजर आए। नगर निगम के अधिकारियों को महापौर ने तत्काल पेमेंट करने का निर्देश दिए है। अशोक तिवारी ने कहा कि स्वच्छता के प्रति किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नही किया जाएगा। कंपनी का बकाए को तुरान पूरा करने के लिए निर्देश दिया गया है।