लोकसभा चुनाव के रिजल्ट मंगलवार को साफ हो गए। यूपी की कुल 80 सीटों में से सपा ने 37 पर जीत दर्ज की बीजेपी को 33 सीटें मिली हैं। वहीं कांग्रेस को 6 सीटें मिली। इस लोकसभा चुनाव में अखिलेश और राहुल की सुनामी में बह गए सपा के बागी विधायक। सपा के बागी विधायकों का उनके क्षेत्र में कोई असर देखने को नहीं मिला। जिस-जिस जिले सपा के बागी विधायकों ने भाजपा का साथ दिया वही भाजपा की नैया डूब गयी।
लखनऊ – चुनाव में बागी विधायकों का नहीं दिखा कोई असर
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) June 5, 2024
➡राकेश प्रताप सिंह ने सपा से बगावत की BJP अमेठी हारी
➡मनोज पांडे ने सपा से बगावत की BJP रायबरेली हारी
➡राकेश पांडे ने अंबेडकरनगर में बगावत की BJP वहां भी हारी
➡अभय सिंह ने सपा से बगावत की अयोध्या में बड़ी हार
➡MLA विनोद… pic.twitter.com/Oflee5KcIB
अगर बात करे अमेठी सीट को तो यहां पर सपा से बगावत कर राकेश प्रताप सिंह ने भाजपा का साथ दिया था लेकिन यहां पर भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी को करारी हार का सामना करना पड़ा। इंडिया गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी केएल शर्मा ने 167196 से स्मृति ईरानी को हराया है। 539228 वोट पाकर केएल शर्मा ने से कांग्रेस की खोयी जमीन को वापस लाने में कामयाब रहे।
अब बात करते है रायबरेली सीट तो यहाँ पर सपा के कद्दावर नेता मनोज पांडे ने बगावत करके भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह का साथ दिया, लेकिन यहां पर भी भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गाँधी ने 687649 पाकर ऐतिहासिक जीत हासिल की। वहीं दिनेश प्रताप सिंह को मात्र 297619 वोट ही मिले। राहुल गांधी ने दिनेश प्रताप सिंह को 390030 वोटों से हराया।
अम्बेडकर नगर में भी सपा से बगावत कर राकेश पांडे ने भाजपा का प्रचार प्रसार किया। लेकिन इनकी जमीनी पकड़ कुछ खास नहीं दिखी और सपा प्रत्याशी लाल जी वर्मा की 137247 वोटों से ऐतिहासिक जीत मिली। अम्बेडकर नगर में लाल जी वर्मा को 544959 वोट मिले वहीं भाजपा प्रत्याशी रितेश पांडेय को 407712 वोट मिले।
फैज़ाबाद लोकसभा सीट पर राम भक्तो ने यह प्रमाण दिया दे दिया कि जो राम को लाये है जनता उन्हें सदन से बहार भी भेज सकती है। बात करते है अयोध्या की यहां पर सपा से बगावत करके भाजपा में शामिल हुए गोसाईगंज के विधायक अभय सिंह का कोई खास असर नहीं दिखा। अयोध्या में सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने 54567 वोटो से जीत हासिल की। सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद को 554289 मिला वही भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को मात्र 499722 वोट मिला। इस तरीके से अभय सिंह सपा से बगावत करके भाजपा के लिए आए लेकिन उनका जमीन पर कोई असर देखने को नहीं मिला।
जालौन लोकसभा सीट पर भी सपा से बगावत करके भाजपा में आये लेकिन विनोद चतुर्वेदी कमाल नहीं दिखा पाए। यहां पर भी भाजपा को करारी हार मिली है। यहां से सपा प्रत्याशी नारायण दास अहिरवार ने 53898 वोटों से रिकार्ड तोड़ जीत हासिल की है। यहां पर सपा प्रत्याशी नारायण दास अहिरवार को 530180 मिले वहीं भाजपा प्रत्याशी भानु प्रताप सिंह को मात्र 476282 इतने वोट ही मिले। इस सीट पर भी सपा के बागी विधायक ने कोई कमाल दिखा नहीं पाए।
कौशाम्बी लोकसभा सीट पर सपा के पुष्पेंद्र सरोज की जीत हुई। यहां पर सपा विधायक पूजा पाल बगावत करके भाजपा के लिए प्रचार प्रसार किया था लेकिन उनका कोई खास असर नहीं दिखा। पुष्पेंद्र सरोज ने 103944 वोटों से जीत दर्ज की। सपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज को 509787 वोट मिले वहीं भाजपा प्रत्याशी विनोद कुमार सोनकर को 405843 इतने वोट ही मिले। पल्लवी पटेल का भी पूरा चुनाव में कहीं पर असर दिखाई नहीं पड़ा।
बलिया लोकसभा सीट भी भाजपा के हाथ से निकल गयी। वोटिंग से कुछ दिन पहले ही सपा के नारद राय ने पार्टी से बगावत कर और भाजपा के साथ चले गए। लेकिन वहां इन्होने कोई खास कमाल दिखा नहीं पाए। यहाँ पर सपा के सनातन पांडेय ने 43384 वोटों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। सनातन पांडेय को 467068 वोट मिले वहीं भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर को मात्र 423684 मत ही प्राप्त हुए।









