कुवैत के मंगफ की एक आवासीय इमारत में बुधवार को गैस लीक के कारण भीषण आग लग गई. इमारत में एक ही कंपनी में काम करने वाले करीब 200 लोग रहते थे . इनमें से 49 विदेशी मजदूरों की मौत हो गयी और 50 मजदूर अभी घायल हैं . 48 शवों की पहचान पूरी हो गयी है जिनमें से 45 भारतीय बताए गए हैं और अन्य 3 फिलीपींस के हैं. जान गंवाने वाले लोगों नें अधिकांश केरल के है, जिनकी संख्या 24 है. यह आग सुबह के लगभग 4:30 बजे लगी जिस वक्त सभी लोग सो रहे थे. अधिकतम लोगों की मौत धुएं में सांस लेने के कारण हो गई तो बाकियों को गिरने के कारण घातक चोटें आई. भारतीय वायुसेना का विशेष विमान घटना के 45 भारतीय पीड़ितों के शव को लेकर आज सुबह 10:30 बजे कोच्चि पहुंच चुका है. वायुसेना के विमान में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी शामिल थे जिन्होंने कुवैती अधिकारियों के साथ कोऑर्डिनेट कर शवों की वापसी सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई.
भारतीय एंबेसी के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को जांचकर्ताओं से बात करी. शुरुआती जानकारी से इमारत में कुछ गंभीर खामियां नजर आई हैं. पता चला है कि इमारत के भूतल (ग्राउंड फ्लोर ) पर लगभग दो दर्जन गैस सिलेंडर थे. साथ ही, कागज, कार्डबोर्ड और प्लास्टिक जैसी ज्वलनशील सामग्री का श्रमिकों के कमरों के विभाजन के लिए इस्तेमाल किया गया था. छत के दरवाजों पर भी ताला लगा हुआ था , जिसकी वजह से आग लगने पर कोई भी वहां जाकर खुद को बचा नहीं सका.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया को बताया ‘ यह हमारे देश में आई एक गंभीर त्रासदी है. इस घटना में लगभग 50 लोग मारे गए हैं। यह एनआरआई के जीवन की सबसे गंभीर त्रासदी है.’
एक प्रमुख एनआरआई बिजनेसमैन और दुबई बेस्ड लूलू ग्रुप के अध्यक्ष ने दुर्घटना में प्रत्येक मृतक के परिवारों के लिए 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है.