लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती लगातार एक्शन मोड में नजर आ रही हैं। चुनाव के बाद भी मायावती ने कहा था का प्रदर्शन सही नहीं था जिसकी हम समीक्षा करेंगे। इसके बाद से ही लगातार हार के कारणों पर मंथन जारी है। दअरसल बसपा सुप्रीमो मायावती ने हार के कारणों पर समीक्षा करने के लिए पार्टी पदाधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी। करीब 3 घंटे तक चली बैठक के बाद मायावती ने आकाश आनंद को बीएसपी के सभी पदों पर बहाल करते हुए एक बार फिर से अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया साथ ही उन्हें पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर भी नियुक्त किया है। इतना ही नहीं इसी के साथ उन्होंने ये भी बता दिया कि बसपा ने हार नहीं माना बल्कि बसपा की नजर 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव पर है।
बसपा का ऐलान है कि वो इस बार के यूपी में होने वाले उपचुनाव में भी लड़ेगी। ये चर्चा पहले से ही था कि आकाश भी बैठक में शामिल होंगे और उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। बैठक में मायावती ने आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाने का खुला ऐलान कर दिया। जिसके बाद अब आकाश देशभर में BSP को मजबूत करने में जुटेंगे। हालांकि यूपी के मामलों में फिलहाल उनका दखल कम रहेगा।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में सीतापुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने बीजेपी वालों को आतंकवादी कहा था। जिसके बाद मायावती ने उन्हें सभी पदों से बर्खास्त करते हुए उनकी सभी रैलियों को निरस्त कर दिया था। इसके बाद वह दिल्ली चले गए।
इसके साथ ही सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि क्या मायावती ने आकाश आनंद को बहाल करके अपनी गलती स्वीकार की। क्योंकि आकाश पर कार्रवाई के बाद लगातार सभी दल बसपा सुप्रीमो पर निशाना साध रहे थे। उनका कहना था कि आकाश को सच्चाई बोलने की सजा मिली है। मायावती बीजेपी से मिली हुई हैं इसलिए उनके खिलाफ बोलने पर आकाश पर कार्रवाई की।
लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा 10 सीटें जीती थीं। करीब 19 प्रतिशत वोट मिले थे। लेकिन इस बार पार्टी का बुरा हाल है। पार्टी को करीब 9 प्रतिशत वोट मिले और एक भी सीट नहीं जीत सके। अब आकाश आनंद बसपा के युथ चेहरा होंगे। दलितों और युवाओं को पार्टी से जोड़ने का काम करेंगे। फिलहाल एक नई ऊर्जा के साथ यूपी से बाहर अन्य प्रदेशों में पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे।