क्या है वक्फ?…क्यों हो रहा वक्फ संशोधन बिल का विरोध?, जानें विपक्ष भी क्यों सरकार के फैसले के खिलाफ!

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू नया बिल पेश करेंगे.बिल के जरिए सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकारों में कटौती कर सकती है.

दिल्ली- आज संसद में पुराने वक्फ कानूनों में बदलाव के लिए वक्फ संशोधन बिल पेश किया जाएगा. इस बिल को लेकर पूरे देश में विरोध चल रहा है.दिग्गज नेताओं की ओर से इसे लेकर प्रतिक्रिया दी जा रही है.

आज यानी गुरुवार को लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया जाएगा.इससे पहले पहले राज्यसभा में 12 बजे पुराना बिल वापस लिया जाएगा. फिर लोकसभा में नया संशोधन बिल पेश किया जाएगा.

वक्फ बोर्ड के अधिकारों में कटौती

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू नया बिल पेश करेंगे.बिल के जरिए सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकारों में कटौती कर सकती है. हालांकि सरकार संशोधन से पारदर्शिता लाने का दावा कर रही है। सच्चर कमेटी ने भी कहा था कि बोर्ड में ट्रांसपेरेंसी होनी चाहिए.

क्या है वक्फ?

वक्फ का मतलब है…मुस्लिम कानून द्वारा पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए किसी भी चल या अचल संपत्ति का किसी भी व्यक्ति द्वारा दान देना. वक्फ अधिनियम, 1995, एक ‘वकीफ’ (वह व्यक्ति जो मुस्लिम कानून द्वारा धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए संपत्ति समर्पित करता है) द्वारा ‘औकाफ’ (दान की गई और वक्फ के रूप में अधिसूचित संपत्ति) को रेगुलेट करने के लिए लाया गया था.

वक्फ बिल में संशोधन का मकसद क्या?

सरकार ने बिल लाने का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और संचालन बताया है. इसमें वक्फ कानून 1995 के सेक्शन 40 को हटाया जा रहा है जिसके तहत वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने का अधिकार था. वक्फ कानून 1995 का नाम बदल कर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 होगा.

क्यों पड़ी संशोधन की जरुरत?

सरकार का कहना है कि संशोधन विधेयक के पीछे का मकशद वक्फ बोर्डों के कामकाज में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाना है.

बोर्ड में बदलाव किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं- AIMPLB

AIMPLB ने कहा, बोर्ड में बदलाव किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं है.पुराने बिल में लगभग 40 संशोधन के साथ नया बिल पेश किया जा सकता है.1995 में नरसिम्हा सरकार ने बोर्ड को असीमित अधिकार दे दिए थे. बता दें कि वक्फ बोर्ड में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए नया बिल लाया जा रहा है.

क्यों हो रहा विरोध?

वक्फ बोर्ड कानून के संशोधन का समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से संसद में विरोध किया जा सकता है.अखिलेश यादव ने तो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर कहा कि इस बात की लिखकर गारंटी दी जाए कि वक़्फ़ बोर्ड की ज़मीनें बेची नहीं जाएंगी.
वक्फ बोर्ड कानून के संशोधन का विरोध करने वाले लोगों का मानना है कि ये फैसला वक्फ संपत्तियों के खिलाफ है.अगर संशोधन किया जाएगा.तो प्रशासनिक अराजकता होगी, वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म हो जायेगी और यदि वक्फ बोर्ड पर सरकार का नियंत्रण बढ़ जायेगा, तो वक्फ की स्वतंत्रता खत्म हो जायेगी.

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