भगवान के घर देर है अंधेर नहीं, भ्रष्टाचार का एक ही काल केजरीवाल, ED और CBI पर साधा सीधा निशाना

उन्होने कहा, "मुझे सात आठ महीने न्याय मिलने की उम्मीद थी। लेकिन इसमें 17 महीने लग गया। भगवान के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं। 

 दिल्ली पूर्व उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया शुक्रवार को जेल से बाहर आ चुके हैं। इस दौरान उन्होने ईडी और सीबीआई पर सीधा निसाना साधा। उन्होने कहा, ED और सीबीआई का जाल ईमानदार पार्टी के नेताओं और पार्टियों को छवि को बिगाड़ने के लिए किया जा रहा है। 

न्याय मिलने में 17 महीने लग गए

उन्होने कहा, “मुझे सात आठ महीने न्याय मिलने की उम्मीद थी। लेकिन इसमें 17 महीने लग गया। भगवान के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं। आम आदमी पार्टी नेताओं के ऊपर आतंकवादियों नक्सलवादियों और ड्रग माफियाओं वाली धाराएं लगाई गई। सच्चाई के रास्ते पर चलने वालों का साथ भगवान देता है।” उन्होंने कहा आज बजरंगबली की कृपा है कि मै आपके बीच में हूं। दिल्ली के एक-एक बच्चे को शानदार स्कूल देना ही मेरी सफलता है।”

असली सारथी जेल में बंद है

उन्होने कहा, हम सभी रथ के घोड़े है, मेरा असली सारथी जेल के अंदर बंद है। बहुत जल्द वो बाहर होंगे। मैं बाबा साहब के दिए संविधान के चलते बाहर हूं। बाबा साहब बहुत दूरदर्शी थे उन्होंने पहले ही आभास कर लिया था कभी भी यदि तानाशाही हावीं होगी तो संविधान से न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा, आभारी हूं बाबा साहब के संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का।”

अभिषेक मनु, सिंघवी मेरे लिए भगवान

उन्होंने कहा, मैं सलाम करता हूं आपके संघर्ष और वकीलों के संघर्ष का। उन्होंने कहा, मैं अभिषेक मनु, सिंघवी को भगवान का रूप मानता हूं। देश भर में आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं को सलाम करता हूं। कार्यकर्ताओ ने लाठी खाई और सड़क पर संघर्ष किया। अब तो दुश्मन भी मानने लगे है कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अलग ही मिट्टी के बने हैं। यह ईडी / सीबीआई जैसे तोता मैना से नहीं टूटने वाले है।

खून पसीना बहाने के लिया बाहर आया हूं

मनीष सिसोदिया ने कहा, “मै खून पसीना बहाने के लिया बाहर आया हूं। एक एक दिन मेरे लिए चुनौतीपूर्ण है। इस तानाशाही के खिलाफ एक एक वोट करना होगा। उन्होंने आगे कहा, खतरनाक केस लगा करके चंदे के धंधे के खातिर व्यापारियों को भी जेल में डाला गया। हजारों लाखों लोगों को बेरोजगार किया गया। 10 हजार टीचरों का स्थानांतरित किया गया, विकास के बजट के पैसे को रोका जा रहा है यह तानाशाही रवैया है। 

सरकार के तानाशाही रवैये से जनता परेशान

उन्होंने कहा, सरकार के तानाशाही रवैये से सीधे आम जनता प्रभावित है। देश की बेटियां जंतर मंतर में धरने में बैठी रही। आज भी उसके साथ कुछ तो खेल किया गया है। जेल में लगभग 300 के करीब किताब पढ़ी, जिसमें सबसे पहले गीता पढ़ी और जवाब मिल गया। भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हर बच्चे कों शिक्षित करना होगा। नहीं तो जुमलेबाजी ही होगी। बिना शिक्षा और स्वास्थ्य के विकास के कोई भी राष्ट्र विकसित नहीं बन सकता।

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