
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी नगर निगम द्वारा नवशहरी क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट लगाने वाले प्रोजेक्ट के टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत मिली है। शिकायत मिलने पर नगर निगम महकमे में हड़कंप मच गया। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने शिकायत मिलने पर एक जांच समिति बनाकर पूरे टेंडर प्रक्रिया की रिपोर्ट मांगी है। मिली शिकायत के अनुसार टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी के साथ अपने पसंदीदा कंपनी को अधिकारियों द्वारा टेंडर दिए जाने का आरोप है। शिकायतकर्ता राहुल सिंह ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया के साथ अधिकारियों ने आदर्श आचार संहिता के दौरान कंपनी को वर्क ऑर्डर पास किया और मई के महीने में फाइनेंशियल बीड हुई। जबकि नियम के अनुसार वर्क ऑर्डर सबसे अंत में किया जाता है, लेकिन अधिकारियों और कंपनी की मिली भगत से नियमो को ताक पर रखा गया।
कार्यकारणी की बैठक में उठी थी गड़बड़ी पर सवाल, घेरे में आलोक विभाग के अधिकारी

वाराणसी नगर निगम द्वारा नव शहरी क्षेत्र के 59 सड़को पर 27 करोड़ रुपए की लागत से 8722 लाइट और 2360 पोल लगाए जाने है। इसमें 167 पोल हाई मास्टर के लिए लगाए जाने है। प्रोजेक्ट के टेंडर में नगर आयुक्त को मिली शिकायत की बात वाराणसी नगर निगम के कार्यक्राणी में उठाई गई। गड़बड़ी नगर निगम के आलोक विभाग पर लगा, तो कार्यकारणी के सदस्यों के सवालों का जवाब आलोक विभाग के अधिकारी नही दे पाए। ऐसे में वाराणसी नगर निगम के आयुक्त, महापौर अशोक तिवारी, जिलाधिकारी एस.राज.लिंगम के साथ कमिश्नर कौशल राज शर्मा के संज्ञान में मामले को लाते हुए शासन को शिकायत भेजा गया है। इस मामले को लेकर वाराणसी नगर निगम के आयुक्त ने बताया कि मामला संज्ञान में है और शिकायत पर जांच की जा रही है। इस मामले में आलोक विभाग के एक्सईएन से स्पष्टीकरण मांगा गया है। यदि कोई गड़बड़ी मिलती है, तो इस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।









