
देश की राजनीति का पॉवर सेंटर यूपी से होकर निकलता है। ये हम ऐसे ही नहीं कर रहे राज्य में देश में सबसे ज्यादा लोकसभा की सीटें हैं। देश के बड़े से बड़े नेता यहीं से होकर निकले। इसी कड़ी में अगर बात सीएम योगी की करें तो शायद गलत नहीं होगा। सीएम योगी के यूपी मॉडल को लेकर काफी तारीफें भी की जाती हैं। लेकिन इस बीच तारीफों के साथ-साथ देखने में आता है कि सरकार कई बार विपक्ष के निशाने पर आ ही जाती है। पेपर लीक से लेकर भ्रष्टाचार को लेकर सरकार के लचर रवैये पर लगातार सवालिया निशान उठते ही रहते हैं। इसी पर चर्चा का केंद्र बने NDA के सहयोगी दलों में से एक के कर्ता-धर्ता जयंत चौधरी। जयंत से इंटरव्यू में पूछा गया कि क्या 2027 में यूपी विधानसभा के चुनावों जीतने और ओबीसी वोट वापस जीतने के लिए योगी आदित्यनाथ को बदला जा सकता है और आपने NDA में शामिल होकर कहीं कोई गलती तो नहीं कर दी। तो इस पर जयंत ने बड़े कहावती अंदाज में कहा कि मैं दूध के बिखर जाने पर रोता नहीं हूँ और न ही मैं भविष्य का पूर्वानुमान लगाने वाला हूँ। एनडीए में जाने वाले सवाल पर कहा कि मैं कह सकता हूँ कि ये एक सही निर्णय था और मैं जहां हूं वहां खुश हूं।
उत्तर प्रदेश के लिए क्या है योजना ?
जयंत चौधरी से यूपी की रणनीति पर सवाल किया गया उनसे पूछा गया कि आपकी पार्टी यूपी के अंदर कैसे आगे जा सकती है। क्योंकि बीजेपी का इतिहास छोटी पार्टियों को खत्म करने का रहा है? इस सवाल पर जंयत चौधरी ने सीधा और सरल जवाब देते हुए कहा कि आप किसी दूसरी पार्टी के साथ काम कर रहे होते हैं तो वे वही करेंगे जो उनके लिए बेहतर होगा हमने जिन भी पार्टियों के साथ गठबंधन किया है, उनके साथ भी यही था। मुद्दा ये है कि जब हम बैठते हैं तो हमें एक-दूसरे के साथ सम्मान और समान शर्तों पर बैठते हैं उसी तरह पेश आते हैं। यहां तक कि पीएम के स्तर पर भी मैंने पाया कि उन्हें उस रिश्ते की बारीकी से समझ है। रालोद बीजेपी के लिए कोई अजनबी नहीं है, बेशक हम अलग हो गए थे पर अब हम वापस आ गए हैं।









