
मंगलवार को देशभर में जन्माष्टमी का पर्व बेहद ही धूम धाम से मनाया जा रहा है। मथुरा, वृंदावन और द्वारिका के साथ ही धर्म की नगरी काशी में जन्माष्टमी के पर भव्य आयोजन किए गए। वाराणसी में बाबा श्री काशी विश्वनाथ भी भगवान श्री कृष्ण के रंग में रंगे हुए नजर आए। बाबा श्री काशी विश्वनाथ का भगवान श्री कृष्ण के स्वरूप के अनुरूप मोर मुकुट के साथ श्रृंगार किया गया और भोग आरती की गई।
वही मध्यरात्रि भगवान श्री कृष्ण के जन्म के साथ भोर में होने वाली बाबा श्री काशी विश्वनाथ की मंगला आरती में पहली बार भक्तों को अद्भुत नजारा देखने को मिला। मंगला आरती के दौरान बाबा श्री काशी विश्वनाथ के साथ लड्डू गोपाल ने भी भक्तों को गर्भगृह में दर्शन दिया। बाबा विश्वनाथ के साथ लड्डू गोपाल का दर्शन कर भक्त भी काफी आनंदित नजर आए।

पहली बार लड्डू गोपाल संग भगवान शिव ने दिए भक्तों को दर्शन
बाबा श्री काशी विश्वनाथ (शिव) और लड्डू गोपाल के एक साथ दर्शन शायद किसी ने ना किया हो। इसके पीछे पौराणिक कथाएं है। श्री काशी विश्वनाथ के मुख्यकार्यपालक अधिकारी विश्वभूष्ण मिश्र ने बताया कथा के अनुसार एक बार लड्डू गोपाल के दर्शन के लिए सभी देवता, तो भगवान शिव को देख माता यशोदा डर गई।

भगवान शिव के गले में नाग, माथे पर चंद्रमा और पूरे शरीर पर राख देख माता यशोदा डरते हुए भगवान शिव से कहा कि हे प्रभु जब मैं आपको देख डर गई, तो यह बालक (लड्डू गोपाल) भी डर जाएगा। ऐसे में माता यशोदा ने लड्डू गोपाल का दर्शन एक थाली में पानी भरकर उनके स्वरूप को दिखाया।भगवान शिव ने थाली में लड्डू गोपाल के प्रतिबिंब का दर्शन किया। कथा के अनुरूप कभी भगवान श्री कृष्ण के लड्डू गोपाल के स्वरूप और भगवान शिव का एक साथ दर्शन करने को नहीं मिलता है।

बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर मंगला आरती के दौरान लड्डू गोपाल और बाबा विश्वनाथ का दर्शन हुआ। इसे लेकर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया, कि बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव कल्याणकारी स्वरूप में विराजते है। मंगला आरती के दौरान भगवान शिव के मंगलकारी स्वरूप के साथ लड्डू गोपाल विराजे और भक्तों को दर्शन दिया।









