“हेलीकॉप्टर लूट” की सनसनी मचाने वाले पायलट को हुए “लूजमोशन”, पार्टनरशिप का निकला विवाद

मेरठ के परतापुर हवाई पट्टी से चार महीने पहले हेलीकॉप्टर की शिफ्टिंग को लूट बताकर सनसनी फैलाने वाला पायलट रविंद्र सिंह अब अंडरग्राउंड हो गया है. रविंद्र सिंह ने कल एसएसपी मेरठ से शिकायत की थी कि हेलीकॉप्टर से छेड़छाड़ की गई और उसके साथ मारपीट की गई है. इससे पहले रविंद्र सिंह ने 10 मई को दिए गए प्रार्थना पत्र में हेलीकॉप्टर को जबरन लूट कर ले जाने का दावा किया था. मामले की सच्चाई खुलने के बाद पायलट रविंद्र सिंह ने खुद को “लूजमोशन” का शिकार बताया है.

एसएसपी मेरठ बिपिन ताडा ने इस प्रकरण की जांच ब्रह्मपुरी एएसपी अंतरिक्ष जैन को दी है. अभी तक की जांच में यह खुलासा हुआ है कि ना तो हेलीकॉप्टर की लूट हुई और ना ही हेलीकॉप्टर के पार्ट्स किसी ने लूटे हैं. यह मामला शिकायतकर्ता पायलट रविंद्र सिंह और उनके पार्टनर कैप्टन जीसी पांडे के बीच हिस्सेदारी के विवाद को लेकर है. रविंद्र सिंह ने बहुत खूबसूरती से पुलिस के सामने पार्टनरशिप में विवाद की बात छुपा ली थी.

दरअसल, पायलट रविंद्र सिंह अक्टूबर 2023 तक सार एवियशन में पायलट थे. उन्होंने खुद के इस फर्म में पार्टनर होने का भी दावा किया है. सार एविएशन के मालिक कैप्टन जीसी पांडे के मुताबिक रविंद्र सिंह को पिछले साल कंपनी से निकाल दिया गया था. इसके बाद उन्होंने शौर्य एयरोनॉटिक्स को ज्वाइन कर लिया. सार एविएशन के हेलीकॉप्टर और चार्टर विमान शौर्य एयरोनॉटिक्स के परतापुर हवाई पट्टी हैंगर पर मेंटेनेंस के लिए भेजे जाते हैं.

कैप्टन जीसी पांडे ने हरियाणा के उद्योगपति अतुल जैन को एक हेलीकॉप्टर बेचने की डील की थी. इस डील के पूरा होने के बाद अतुल जैन इस हेलिकॉप्टर को परतापुर हवाई पट्टी से लेने आए थे लेकिन किन्हीं वजह से इस हेलिकॉप्टर को सड़क मार्ग से ले जाया गया. इस दौरान 15 से 20 लोगों को हेलीकॉप्टर को ट्रक में शिफ्ट करने के लिए लगाया गया था. 10 मई 2024 को हेलीकॉप्टर को थाना पुलिस की मौजूदगी में हवाई पट्टी से शिफ्ट किया गया था.

कैप्टन रविंद्र सिंह बताते हैं कि इस डील की जानकारी उन्हें नहीं दी गई. इसलिए उन्होंने हेलीकॉप्टर को उड़ाने से मना कर दिया था. इसके बाद जीसी पांडे और अतुल जैन से हुई वार्ता के मुताबिक हेलीकॉप्टर को सड़क मार्ग से ले जाया गया था. उद्योगपति अतुल जैन का कहना है कि हेलीकॉप्टर की डील में किसी तरह का कोई विवाद नहीं था. रविंद्र सिंह ने व्यवधान पैदा करने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस की मदद ली गई थी. डीजीसीए से सारे एप्रुवल्स अब उनके नाम है और वह आधिकारिक रूप से हेलीकॉप्टर के स्वामी है. हेलीकॉप्टर लूट की बात फर्जी है.

कैप्टन रविंद्र सिंह से इस मामले में जब आधिकारिक वीडियो बयान के लिए अनुरोध किया गया तो उनका कहना था कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है उन्हें “लूजमोशन” हो गए हैं. वह तीन दिन के लिए मेरठ में भी नहीं है. वह कल ही ऋषिकेश आ गए हैं. जब उनसे पूछा गया कि पुलिस आपकी गैर मौजूदगी में जांच कैसे करेगी? तो उनका कहना था कि इस बारे में उन्होंने पुलिस को बता दिया है कि वह तीन दिन बाहर रहेंगे.

मेरठ के एसएसपी विपिन ताडा ने बताया है कि अभद्रता और मारपीट की तहरीर मिली है. इस मामले की जानकारी मौके पर पहुंचकर एएसपी ब्रह्मपुरी कर रहे हैं. पूरे मामले की जांच भी उन्हीं को दी गई है. हेलीकॉप्टर की लूट जैसा कोई मामला सामने नहीं आया है.

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