
सूबे के सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार का आलम अपने चरम पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त हिदायत के बाद भी कोई असर नहीं दिख रहा है। दरअसल, भ्रष्टाचार का मामला प्रदेश के देवरिया जिले से सामने आया है। जहां उपायुक्त उद्योग कार्यालय में अधिकारी के ड्राइवर द्वारा बिना रोक टोक के काम किया जा रहा है।
अधिकारी ने कैमरे पर बोलने से किया इंकार
सीएम योगी के सख्त फरमान है कि जिले के किसी भी ऑफिस में प्राइवेट व्यक्ति काम नहीं करेगा। लेकिन देवरिया जिले में इसका कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। उपायुक्त उद्योग कार्यालय में उद्योग अधिकारी खुशबू सिंह का ड्राइवर ऑफिस में बकायदा कुर्सी पर बैठकर आने-जाने वाले लाभार्थियों का डॉक्यूमेंट चेक रहा है। साथ ही कई विभागों को जानकारियां भी मुहैया करा रहा है। अधिकारी का ड्राइवर कर्मचारियों के जैसे काम कर रहा है। वहीं जब इससे बात किया गया है तो उसने बताया कि वह लोगों का डॉक्यूमेंट चेक करता है। जबकि अधिकारी खुशबू सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
लाभार्थियों ने DM से की लिखित शिकायत
गौरतलब है कि देवरिया जिले का उपायुक्त उद्योग कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों पर घूस लेकर कार्य करने का आरोप लगा है। मामले में लाभार्थियों ने DM से लिखित शिकायत भी की है। इन तस्वीरों से अब साफ तौर से समझ सकते हैं किस तरह से यह कार्यालय दलालों का अड्डा बना हुआ है। वहीं इंडस्ट्रियल एरिया में गलत तरीके से प्लांट आवंटन भी किए गए हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अधिकारी और कर्मचारी दोनों मिलकर बड़े पैमाने में भ्रष्टाचार कर रहे हैं। फिलहाल, पूरे मामले में CDO ने संज्ञान लिया है और नोटिस जारी करते हुए जांच के आदेश और उसके बाद कार्रवाई की बात कही है।









