मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ की विशेष बैठक, जनाधार बढ़ाने को लेकर कार्यों की समीक्षा की

मायावती ने पार्टी संगठन की मजबूती तथा पार्टी जनाधार को बढ़ाने के लिए पिछली बैठक में दिये गये दिशा-निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट ली।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरूवार को यूपी स्टेट पार्टी यूनिट के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों के साथ विशेष बैठक की। इस दौरान उन्होंने पार्टी संगठन की मजबूती तथा पार्टी जनाधार को बढ़ाने के लिए पिछली बैठक में दिये गये दिशा-निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट ली। साथ ही उन्होंने पार्टी संगठन में जरूरी फेरबदल भी किए गए।

मायावती ने बैठक में विधानसभा उपचुनाव की तैयारी की समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने बीजेपी सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच जनहित व जनकल्याण आदि के ज्वलन्त मुद्दों को लेने की बजाय केवल जातिवादी, साम्प्रदायिक और जाति बिरादरी पर आधारित संकीर्ण राजनीति का आरोप लगाया। ऐसे में उन्होंने मुस्तैदी से जनता में अपनी पैठ बनाने पर बल दिया। जिससे उपचुनाव में इसका लाभ मिलेगी।

इन मुद्दों को लेकर बैठक में हुई बातचीत

– ख़ासकर गरीबी, बेरोजगारी व मंहगाई आदि की घातक समस्या को दूर करने के लिए सरकार के दावों को अगर मान भी लिया जाए तो यह यूपी की विशाल आबादी के हिसाब से ऊँट के मुँह में जीरा जैसा होगा। ऐसे में इनकी स्थिति सुधरने वाली नहीं है बल्कि सरकारी नौकरी में भी भारी बैकलाग व्याप्त है।

– यहाँ के करोड़ों गरीबों, बेरोजगारों, महिलाओं, छोटे व्यापारियों व अन्य मेहनतकश लोगों को राहत, सुविधा व सुरक्षा की घोर कमी है जबकि हर प्रकार की असुरक्षा, शोषण एवं उत्पीड़न अधिक अर्थात् अधिकतर मामलों में सरकारी वादे व दावे कोरे व कागजी है।

– भाजपा सरकारों में द्वेषपूर्ण व विध्वंसक बुलडोजर राजनीति का मा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा देर से ही सही किन्तु उचित संज्ञान लेने से लोगों में थोड़ी राहत।

– साथ ही एक देश, एक चुनाव की व्यवस्था के तहत् देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा कल दी गयी मंजूरी पर बी.एस.पी. का स्टैण्ड सकारात्मक है। लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना जरूरी।

– यू.पी. सहित पूरे देश में महिला असुरक्षा भी चिन्तित करने वाला बहुत बड़ा मुद्दा है, जिसको लेकर भी जातिवादी द्वेष व साम्प्रदायिक पक्षपात आदि की राजनीति और उसी के हिसाब से कानून का इस्तेमाल वास्तव में स्थिति को और भी अधिक गंभीर व तनावपूर्ण बना रहा है।

– बी.एस.पी., केन्द्र सरकार से देश में राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना करवाके तथा SC/ST व OBC वर्गों को भी देश के शासन-प्रशासन में समुचित व प्रभावी भागीदारी दिलाने को भी जमीनी हकीकत में बदलवाने का पूरा-पूरा प्रयास करेगी।

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