जबरदस्ती नाम लिखवा देने से क्या मिलावट का कालाधंधा खत्म हो जाएगा?…रेस्टोरेंट को लेकर यूपी सरकार के ऐलान पर मायावती ने पूछा सवाल

रेस्टोरेंट और बड़े हाटलों में खाने की खराब क्वालिटी को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है.दूसरी ओर यूपी सरकार के इस फैसले को देखते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक ट्वीट किया है.

लखनऊ- योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश में एक बड़ा आदेश जारी किया है. उत्तर प्रदेश में अब रेस्टोरेंट और ढाबों को लेकर यूपी सरकार ने जरुरी निर्देश दिए है.जिसके हिसाब से भोजनालयों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया है.यूपी सरकार ने भोजनालय मालिकों के नाम प्रदर्शित करने की अनिवार्यता को दोगुना कर दिया. प्रदेश में दूषित भोजन की बिक्री पर राज्यव्यापी कार्रवाई के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम (FSSA), 2006 की धारा 56 को लागू किया है.इसके तहत एक वेरिफिकेशन प्रोसेस को लागू किया गया है…

रेस्टोरेंट और बड़े हाटलों में खाने की खराब क्वालिटी को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है.दूसरी ओर यूपी सरकार के इस फैसले को देखते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक ट्वीट किया है.सोशल मीडिया पर किए गए अपने पोस्ट में मायावती ने लिखा कि- यूपी सरकार द्वारा होटल, रेस्तराँ, ढाबों आदि में मालिक, मैनेजर का नाम, पता के साथ ही कैमरा लगाना अनिवार्य करने की घोषणा, कावंड़ यात्रा के दौरान की ऐसी कार्रवाई की तरह ही, फिर से काफी चर्चाओं में कि यह सब खाद्य सुरक्षा हेतु कम व जनता का ध्यान बांटने की चुनावी राजनीति ज्यादा.

वैसे तो खासकर खाद्य पदार्थों में मिलावट आदि को लेकर पहले से ही काफी सख्त कानून मौजूद हैं, फिर भी सरकारी लापरवाही/मिलीभगत से मिलावट का बाजार हर तरफ गर्म है, किन्तु अब दुकानों पर लोगों के नाम जबरदस्ती लिखवा देने आदि से क्या मिलावट का कालाधंधा खत्म हो जाएगा?.

अपने ट्वीट में मायावती ने आगे तिरुपति मंदिर के प्रसादम का जिक्र करते हुए कहा कि वैसे भी तिरुपति मन्दिर में ’प्रसादम’ के लड्डू में चर्बी की मिलावट की खबरों ने देश भर में लोगों को काफी दुखी व उद्वलित कर रखा है और जिसको लेकर भी राजनीति जारी है. धर्म की आड़ में राजनीति के बाद अब लोगों की आस्था से ऐसे घृणित खिलवाड़ का असली दोषी कौन? यह चिन्तन जरूरी.

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