वाराणसी में आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने तिरुपति के लड्डू मिलावट को बताया महापाप, देश के संतो से की अपील

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अपने दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने तिरुपति के लड्डू में मिलावट को महापाप बताया है। उन्होंने कहा कि प्रसाद में मिलावट देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अपने दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने तिरुपति के लड्डू में मिलावट को महापाप बताया है। उन्होंने कहा कि प्रसाद में मिलावट देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। देश के संतो और मंदिरों के जितने भी आचार्य है, यदि उन्हें शुद्धता और पवित्रता का ध्यान रखना है, तो प्रत्येक मठ और मंदिर की अपनी एक गौशाला होनी चाहिए। वही उन्होंने बताया कि वह भारत के हिंदुओं को जगाने और सनातनियों को जगाने के लिए गांव -गांव जाकर पिछड़े और बिछड़े लोगो को गले लगाने का काम करेंगे।

काशी परिक्षेत्र से मांस और मदिरा की दुकानों को बाहर करने की अपील

धर्म की नगरी काशी में बिक रहे मांस और मंदिरा को काशी परिक्षेत्र से बाहर करने को लेकर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने लोगो से अपील किया। उन्होंने कहा कि काशी में सबकुछ ठीक है,लेकिन एक बहुत बड़ी कमी है,जो दूर हो जाए तो काशी बम -बम हो जाए। उन्होंने कहा कि काशी में बिकने वाले मांस मदिरा की दुकानें काशी परिक्षेत्र से बाहर हो।

धीरेंद्र शास्त्री ने काशी से बताया अपना गहरा नाता, काशी विश्वनाथ के दर्शन कर खुद को बताया धन्य

वाराणसी में गंगा महल में रुके धीरेंद्र शास्त्री ने भारत समाचार से बात करते हुए कहा कि वह काशी में बाबा श्री काशी विश्वनाथ, मां दुर्गा के मंदिर में दर्शन किया। इसके अलावा उन्होंने मोक्ष स्थल मार्णिकारणिका घाट पर रात को समय बिताया। काशी नगरी हमारी प्राण है, हमारे दादा गुरु का शरीर भी यही पूर्ण हुआ था। काशी हमारे रोम रोम में है और काशी के वासी हमारे सिर मोर है।

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