3200 पेज की चार्जशीट…11 आरोपी और 676 गवाह, 4 अक्टूबर को तय होगा हाथरस सत्संग हादसे का जिम्मेदार !

हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में बीते 2 जुलाई को सत्संग में भगदड़ के दौरान 121 लोगों की मौत हो गयी हो गयी थी। इस मामले में पुलिस ने 1 अक्टूबर को 3200 पेज की चार्जशीट दाखिल और इस चार्जशीट में 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में बीते 2 जुलाई को सत्संग में भगदड़ के दौरान 121 लोगों की मौत हो गयी हो गयी थी। इस मामले में पुलिस ने 1 अक्टूबर को 3200 पेज की चार्जशीट दाखिल और इस चार्जशीट में 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है। वहीं पुलिस ने इस मामले में 676 लोगों को गवाह बनाया है। कोर्ट में मामले की सुनवाई के लिए 4 अक्तूबर की तारीख नियत की गई है। मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर को इस घटना का मुख्य आरोपी बनाया गया है।

भगदड़ से हुई 121 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर को इस घटना का जिम्मेदार मानते हुए 10 अन्य लोगों खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इस हादसे के संबंध में दर्ज कराई गई एफआईआर में नारायण साकार हरि भोले बाबा उर्फ सूरजपाल का नाम नहीं था। जिसका सत्संग सुनने के लिए वहां पर लाखों लोगों की भीड़ इक्कठा हुयी थी।

सवाल है क्यों ? बदइंतजामी और लापरवाही का ये डिस्काउंट कूपन इन पाखंड बाबाओं को आखिर किसने दिया है? क्या हाथरस में जो 121 लोगों की मौतें हुई हैं उनका गुनहगार वो बाबा और उसको छूट देने वाला जिला प्रसाशन नहीं था क्या ? सवाल उठना तो लाजमी है कि आखिर बाबा और उनको छूट देने वाले पुलिस और जिला प्रसाशन पर अबतक कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

सोचने वाली बात है कि ज्यादातर धार्मिक आयोजनों में ही भगदड़ क्यों होती है। इस खतरनाक ट्रेंड पर भारत जैसे आस्थावान लोगों के देश में कोई रोकटोक भी नहीं है। मगर बीते 3 महीने पहले इतनी बड़ी घटना घटित होने के बाद भी अगर धर्म का चोला ओढ़े ऐसे बाबाओं और उनके आयोजनों पर कोई नकेल नहीं कसा गया और घटना जैसे बीतती गई वैसे ही ईद घटना को ठन्डे बस्ते में दाल दिया गया। अगर अभी भी ऐसी बाबाओं के ऊपर कोई कारवाई नहीं होती है तो ऐसी घटनाएं आगे भी देखने को मिल सकती हैं।

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