Assembly Chunav Results: क्या से क्या हो गया… देखते देखते.. ये गाना तो आपने सुना ही होगा.. ठीक ऐसा ही हुआ भाजपा के साथ.. लोकसभा चुनाव में कहां एनडीए का कुनबा 400 पार का नारा दे रहा था. लेकिन जो नतीजे आए… वो बीजेपी को सोचने के लिए मजबूर करने वाले थे.. राममंदिर भाजपा ने अयोध्या में बनवाया वहां हारने की कोई उम्मीद नही थी, लेकिन भाजपा उसे भी नहीं बचा सकी. यहां तक कि जिन राज्यों के बल पर बीजेपी नेता हुंकार भर रहे थे, उनमें से सबसे भरोसे वाले राज्यों ने ही उसका साथ नहीं दिया. एक दो नहीं, बल्कि कुल 4 बड़े राज्यों से बीजेपी को कतई इस नतीजे की आहट नहीं थी. नतीजा ये रही कि लोकसभा चुनाव 2024 में ‘400 के पार’ का सपना देखने वाली बीजेपी 400-400 करते-करते महज 240 सीटों पर ही सिमटी गई. जिससे बीजेपी को अपने सहयोगी दलों की मदद से केंद्र में सरकार बनानी पड़ी…
वही आम चुनाव के प्रदर्शन से सबक लेते हुए बीजेपी ने राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए कमर कसी और नई रणनीति के साथ चुनाव प्रचार शुरू किया. लेकिन राज्यों के चुनावों में भी बीजेपी का कोई दांव चलता हुआ नजर नहीं आ रहा हैं.. हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ गए हैं. जो एग्जिट पोल आए हैं वो बीजेपी की नींद उड़ाने वाले हैं… दोनों ही राज्यों में बीजेपी का सरकार बनाना काफी मुश्किल नजर रहा है। वहीं कांग्रेस का दबदबा बढ़ा हैं… कांग्रेस दोनों ही जगह भाजपा को मात देती हुई नजर आ रही हैं..
हालांकि एजेंसियों के जो एग्जिट पोल के नतीजे आए हैं ये अंतिम नतीजे नहीं हैं. दोनों ही राज्यों में चुनाव के जो नतीजे हैं वो 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा के लिए मतदान हुआ है. वहीं, हरियाणा में पिछले 10 साल से बीजेपी की सरकार है. ऐसे में अगर एग्जिट पोल के नतीजे हकीकत में बदलते हैं तो बीजेपी के लिए काफी बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो सकता है. इसमें ये भी कहा जा सकता हैं कि लोकसभा चुनाव में बेहतर परिणाम के बाद भी जो मंथन करने की बात भाजपा कर रही थी. वो भाजपा का मंथन काम नहीं आया है.. और ना ही हरियाणा में सीएम बदलना और कश्मीर में अनुच्छेद 370 का हटाना काम आया… आखिर भाजपा कहा फेल हो रही हैं.. क्या राहुल की सक्रियता के आगे भाजपा की रणनीति काम नहीं आ रही हैं.. आइए जानते हैं आखिर भाजपा से कहां चूक हो गई…
बता दें कि भाजपा को लेकर जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के काफी लोगों में नाराजगी देखी गई.. जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने की वजह से काफी लोग नाराज थे… जिससे कहा जा सकता हैं कि 370 हटाना भी भाजपा के काम नहीं आया… वहीं कृषि बिल के मुद्दों को लेकर हरियाणा के किसान और आम लोग काफी नाराज थे.. शायद यही वजह रही कि एग्जिट पोल के नतीजे बीजेपी के पक्ष में नहीं आए… इसके साथ ही पिछले 10 सालों से बीजेपी केंद्र में है.. ऐसे में लोग अब बदलाव की तरफ देख रहे हैं.. वही राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने कांग्रेस को हल्के में लिया था, लेकिन कांग्रेस पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में जुटी रही… जिसका फायदा कांग्रेस को मिलता दिखाई दे रहा हैं..
इसके अलावा वजह ये भी रही कि बीजेपी के अंदर भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा.. सियासी गलियारों में ऐसी चर्चाएं काफी दिनों से चल रही हैं.. आरएसएस और बीजेपी के टकराव के चलते पार्टी का एक खेमा मोदी सरकार से काफी नाराज है.. लोकसभा चुनाव में भी कई ऐसे लोगों को टिकट दिया गया था, जो बाहरी दल से आए थे.. ऐसे में पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में नाराजगी देखी गई थी.. यही वजह रही कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के एग्जिट पोल के नतीजे बीजेपी भाजपा को डराने वाले आए… और उसके पक्ष में नहीं आए..
वही अब बात कर लेते हैं… एग्जिट पोल की… तो जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों पर वोटिंग हुई थी. भारत समाचार के एग्जिट पोल के सर्वे के मुताबिक एनसी और कांग्रेस गठबंधन को 40 से 48 सीटें मिलने का अनुमान है..जबकि बीजेपी को 27 से 32 सीटें मिल सकती हैं, पीडीपी के खाते में 6-12 सीटें मिल सकती हैं.. वहीं अन्य के खाते में 6-11 सीटें मिलने का अनुमान है..
इसके अलावा हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिलने के आसार साफ नजर आ रहे हैं… भारत समाचार के सर्वे में कांग्रेस आगे दिख रही है.. भारत समाचार के अनुसार कांग्रेस 50-58 सीटें जीत सकती है, जबकि बीजेपी को 20-28 सीटें मिलने का अनुमान है..
हालांकि ये मात्र एग्जिट पोल हैं.. चुनाव से पहले जनता कब किस करवट बैठेगी, इसका केवल अनुमान मात्र लगाया जा सकता है. हकीकत का सामना तो रिजल्ट के दिन ही होता है. इसीलिए कहां जाता हैं कि जनका की जनार्दन हैं..