Uttar Pradesh: ‘शाही स्नान’ और ‘पेशवाई’ जैसे शब्दों का संत कर रहे थे विरोध….अब हो गया फैसला,ये रही वजह

बीते दिनों में जब यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ प्रयागराज पहुंचे थे.तब उन्होंने महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लिया था.यहीं सीएम योगी की संतों के साथ एक बैठक हुई थी.

डिजिटल स्टोरी- लोकसभा चुनाव के बाद से ही उत्तर प्रदेश में उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है. प्रदेश में राजनीतिक दलों ने तो उपचुनाव के जरिए 27 में होने वाले चुनाव को लेकर भी दिमाग लगाना अभी से शुरु कर दिया है.ऐसे में अलगे साल होने वाला महाकुंभ सियासी दलों के लिए ट्रंप कार्ड का काम कर सकता है. और बीजेपी की सरकार हैं तो माना जा रहा है कि महाकुंभ का प्लस प्वाइंट उनके पाले में जा सकता है.

जी हां साल 2025 में आयोजित होने जा रहा प्रयागराज महाकुंभ सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होगा. योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए हिंदुत्व का एजेंडा हमेशा से प्राथमिकता में रहा है. जाहिर है कि इस आयोजन से भी इसे बखूबी साधने की कोशिश की जाएगी.

दरअसल, बीते दिनों में जब यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ प्रयागराज पहुंचे थे.तब उन्होंने महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लिया था.यहीं सीएम योगी की संतों के साथ एक बैठक हुई थी. इसमें योगी से महाकुंभ आयोजन से शाही स्नान और पेशवाई जैसे शब्दों को हटाने की मांग की गई थी. और इसी पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शाही स्नान और पेशवाई शब्द हटाने की अनुमित दी है.महाकुंभ आयोजन से ‘पेशवाई’ और ‘शाही स्नान’ जैसे शब्दों को हटाने से जुड़ा प्रस्ताव पास किया गया है.

इन शब्दों को लेकर संतों का कहना था कि ये शब्द मुगलिया साम्राज्य का प्रतीक है. इसलिए इसे हटाया जाना चाहिए.दरअसल प्रयागराज के श्री निरंजनी अखाड़े में दो दिनों तक चली अखाड़ों की बैठक में संतों की ओर से कई प्रस्ताव तैयार किए गए थे जिनमें शाही और पेशवाई शब्दों को बदलना प्रमुख था.

महाकुंभ में कब क्या होने वाला है??

बता दें कि 14 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले है. महाकुंभ मेले के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा की जा रही है.जिसे “शाही स्नान” के रूप में जाना जाता है, तीन महत्वपूर्ण तिथियों पर आयोजित होगा.14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को होगा.

आपको जानकारी के लिए ये भी बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्रि के दौरान आगामी महाकुंभ 2025 का लोगो, वेबसाइट और ऐप लांच किया. इस लोगो में धार्मिक और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक ‘अमृत कलश’ को दर्शाया गया है, जो समुद्र मंथन की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है.

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