
दलित युवक अमन गौतम की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में लखनऊ पुलिस का दावा खोखला सा नजर आ रहा है। पुलिस का दावा सीसीटीवी फुटेज के हिसाब से सही नहीं दिख रहा है। बता दें कि सीसीटीवी फुटेज के हिसाब से अमन को उसके घर से ले जाते हुए चार पुलिस वाले सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिए थे। मिली जानकारी के हिसाब से विकास नगर में 10 अक्टूबर 2024 दिन शुक्रवार को रात के करीब 10:15 पर अमन गौतम को चार पुलिस कर्मी अपने साथ ले जाते हुए CCTV फुटेज में दिख रहे हैं। पीछे-पीछे अमन गौतम का परिवार और उनकी पत्नी रोते हुए भी दिख रहे हैं। लेकिन लखनऊ पुलिस का दावा है कि अमन जुआ खेल रहा था दबिश दी गई तो वो बेहोश हो गया। वैसे सीसीटीवी के दावे पुलिस की इस के दावे को खोखला साबित करते हैं। परिवार वालों का आरोप है कि अमन जागरण की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने उसे मार दिया। पुलिस हिरासत में अमन की मौत को घर वाले हत्या बता रहे हैं। दलित संगठन और बीएसपी इस मुद्दे पर धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं।









