
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने राज्य में पुलिस हिरासत के दौरान हो रही मौतों पर गहरी नाराज़गी जताते हुए इसे बेहद चिंताजनक बताया है। संजय सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में ऐसी एक घटना (Lucknow Custodial Death) नहीं हुई है। अगर लोगों में कानून व्यवस्था का डर नहीं होगा तो कोई भी ऐसी घटना को रोक नहीं पाएगा। इससे पहले भी एक दलित युवक को पीट-पीटकर मार दिया गया था। इसलिए सरकार को ऐसा संदेश ज़रूर देना चाहिए कि ऐसी हरकत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संजय सिंह ने कहा, योगी सरकार में यूपी पुलिस बनी मौत की सौदागर और थाने मौत का अड्डा बन चुके है । जिस तरह से उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत के दौरान मौतें हो रही हैं, उससे यह स्पष्ट है कि यहां का तंत्र निष्प्रभावी हो चुका है और सरकार स्थिति को संभालने में नाकाम रही है। यह हर नागरिक के लिए एक बड़ा सवाल है कि आखिर राज्य में कानून और मानवाधिकारों का संरक्षण कैसे सुनिश्चित किया जाएगा।”
आम आदमी पार्टी ने इस गंभीर मुद्दे पर न्यायिक जांच की मांग की है और संजय सिंह ने दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में बंद व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य का संवैधानिक कर्तव्य है, लेकिन यदि यह कर्तव्य निभाने में असफल है, तो सरकार को इसका जवाब देना होगा।
संजय सिंह ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी ऐसे मामलों में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और इस अन्याय के खिलाफ उनकी आवाज बुलंद करेगी। अगर सरकार शीघ्र ही आवश्यक कदम नहीं उठाती, तो आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होगी।









