Kanpur: कानपुर का हाई प्रोफाइल एकता गुप्ता हत्याकांड मामले में कई झोल नजर रहे हैं.. डीएम आवास से बिल्कुल सटे हुए क्षेत्र में लाश मिली.. ये बड़ा ही चौकाने वाला हैं.. क्योंकि डीएम आवास के पास काफी सुरक्षा रहती हैं.. ऐसे में जमीन खोदकर एकता गुप्ता की लाश गाड़ी गई, लाश तो डीएम के मुख्य द्वार से ही ले जाई जा सकती है, अन्य कोई रास्ता नहीं है, पुलिस के दावे गलत निकले हैं.. साथ ही कई बड़ा सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
कहानी के पीछे कई राज
इतना कड़ा पहरा फिर इस कॉलोनी में ये लाश कैसे आई ? डीएम आवास के मुख्य द्वार का इस्तेमाल किसने किया? मौके पर जो सिपाही तैनात थे उन्होनें रोका टोका क्यों नहीं ? लाश दफनाने के लिए आठ फुट के गड्ढे किसने खोदे ? क्या तब भी डीएम ने नहीं देखा ? वहां तो सौ स्टाफ रहता है.. लाश दफनाई, उसके ऊपर पेड़ लगाया, और किसी को पता नहीं चला.. ये कैसे हो सकता हैं.. कहानी ऐसी नहीं है उलझी हुई है, कोई है इसके पीछे ये एक बड़ा सवाल हैं.
दोषियों की बलि चढ़ेगी जरूर चाहे
वही सवाल तो और भी है… क्या मामले में जिलाधिकारी से पूछताछ हुई ? क्या डीएम कंपाउंड के सभी सीसीटीवी कैमरे चेक हुए हैं ? कैमरे का रिकॉर्ड निकले तो पता चले एकता का कनेक्शन किसके साथ था? क्या जांच व पूछताछ में डीएम कानपुर राकेश कुमार सिंह पुलिस को सहयोग करेंगे? यदि पुलिस अक्षम तो पीड़ित परिजन CBI जांच की मांग कर रहे.. ऐसे में कानपुर का एकता गुप्ता हत्याकांड इंसाफ चाहता है..दोषियों की बलि चढ़ेगी जरूर चाहे कितने ऊंचे ओहदे पर हो..एक दिन अपने ही थाने में घुटने के बाद उनकडू बने मिलेंगे..इंसाफ में वक्त लगता है लेकिन मिलता जरूर है..वही परिवार सिर्फ सीबीआई जांच की मांग कर रहा है..
पुलिस की भी संदिग्धता
इस पूरे मामले में लगातार एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं.. लेकिन अभी तक जो भी खुलासे हुए हैं उसमें पुलिस की भी संदिग्धता साफ नजर आ रही हैं..
क्या हैं पूरा मामला?
बता दें कि कानपुर के रहने वाले कारोबारी राहुल गुप्ता की पत्नी एकता गुप्ता (32) रोजाना सुबह जिम करने के लिए ग्रीन पार्क इलाके में जाती थीं. 24 जून को भी सुबह साढ़े पांच बजे वो जिम के लिए निकलीं, लेकिन वापस नहीं लौटीं. इसके बाद पति ने पुलिस में जिम ट्रेनर के खिलाफ एकता के अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई. पुलिस ने बताया कि वह कई महीनों से आरोपी विमल पर नजर रख रही थी, जब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और पूछताछ की तो पहले वह झूठ बोलता रहा. जब उसने हत्या की बात कबूली तो वह पुलिस को बिठूर घाट ले गया और बोला कि उसने एकता को मार के नदी में फेंक दिया है. जब पुलिस ने सीसीटीवी चेक किया तो विमल का झूठ पकड़ा गया, फिर जब सख्ती से पूछताछ की गई तो विमल ने एकता की हत्या करके शव को डीएम कंपाउंड में गाड़ने की बात कबूल कर ली.