सितंबर 2024 तक छह महीनों में Apple ने भारत में निर्मित लगभग 6 बिलियन डॉलर के iPhone निर्यात किए, जो पिछले साल की तुलना में करीब-करीब 30 प्रतिशत ज्यादा है, क्योंकि iPhone निर्माता चीन से दूर अपने फैक्ट्री में IPhone की मैनूफैक्चरिंग को गति दे रहा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के हिसाब से तीन प्रमुख आपूर्तिकर्ता – फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप, पेगाट्रॉन कॉर्प और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स – भारत में अपने असेंबली संचालन के जरिये इसे ग्रो कर रहे हैं। फॉक्सकॉन की चेन्नई फैसीलिटी में भारत के लगभग 50 प्रतिशत IPhone बनाए जाते हैं। इसी कड़ी में आती है पिछले साल विस्ट्रॉन कॉर्प से अपनी फैक्ट्री का अधिग्रहण करने वाली टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स जिसने अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान अपने कर्नाटक प्लांट से iPhone निर्यात में लगभग 1.7 बिलियन डॉलर का योगदान दिया।
उत्पादन में आए इस उछाल ने भारत के निर्यात परिदृश्य को बदल दिया है, स्मार्टफोन देश की संयुक्त राज्य अमेरिका को शीर्ष निर्यात श्रेणी बन गए हैं, जो वित्तीय वर्ष के पहले पाँच महीनों में 2.88 बिलियन डॉलर तक पहुँच गए हैं। ये भारत में Apple के विनिर्माण विस्तार से पहले पाँच साल पहले केवल 5.2 मिलियन डॉलर से नाटकीय वृद्धि दर्शाता है। वित्त वर्ष 2024 के दौरान Apple ने भारत में 14 बिलियन डॉलर के iPhone बनाए, जो पिछले साल के उत्पादन से दोगुना है। कंपनी ने भारत को एक महत्वपूर्ण विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए स्थानीय सब्सिडी, कुशल कार्यबल और बेहतर तकनीकी क्षमताओं का लाभ उठाया है। विस्तार में iPhone 16 Pro और Pro Max जैसे प्रीमियम मॉडल का उत्पादन भी किया जा रहा है। अफ़वाहें हैं कि Apple देश में AirPods का उत्पादन करने पर भी अब विचार कर रहा है। Apple ने भारत में अपनी खुदरा उपस्थिति को भी मजबूत किया है, मुंबई और दिल्ली में फ्लैगशिप स्टोर खोले हैं, साथ ही बैंगलोर और पुणे में भी नए स्टोर खोलने की योजना बनाई है।