क्या है पीएम विद्यालक्ष्मी योजना, जिसे मोदी कैबिनेट से मिली मंजूरी, जानें मेधावी छात्रों को कैसे मिलेगा लाभ

मेधावी छात्रों को पढ़ाई के दौरान कोई दिक्कत न हो इसके लिए पीएम विद्यालक्ष्मी योजना की शुरूआत की गई है। इसके तहत छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को बैठक हुई। इस दौरान कैबिनेट की तरफ से शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण योजना को मंजूरी मिली है। केंद्र सरकार ने मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता देने के लिए पीएम विद्यालक्ष्मी योजना की शुरूआत की है। इस योजना से पढ़ाई कर रहे छात्रों को वित्तीय संकट को दूर किया जा सकेगा।

नई शिक्षा नीति की एक महत्त्वपूर्ण पहल

मेधावी छात्रों को पढ़ाई के दौरान कोई दिक्कत न हो इसके लिए पीएम विद्यालक्ष्मी योजना की शुरूआत की गई है। इसके तहत छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 की एक महत्त्वपूर्ण पहल है। दरअसल, नई शिक्षा नीति में सार्वजनिक और प्राइवेट उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की सिफारिश की गई थी। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस योजना के क्या लाभ हैं।

बिना जमानत के मिलेगा लोन

पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत क्वालिटी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन में प्रवेश लेने वाले छात्रों को फीस के साथ अन्य खर्चों के लिए बैंक या वित्तीय संस्थानों से बिना किसी जमानत और गारंटर के लोन मिल सकेगा। यह स्कीम पूरी तरह से डिजिटल होगी। इसके स्टूडेंट फ्रैंडली सिस्टम के जरिए संचालित किया जाएगा। वहीं इस योजना के माध्यम से छात्र 7.5 लाख रुपए तक की ऋण राशि के लिए बकाया डिफॉल्ट के 75 फीसदी की क्रेडिट गारंटी के लिए पात्र होगा। साथ ही इस योजना से बैंको को एजुकेशन लोन देने में भी आसानी होगी।

इतनी राशि पर ब्याज मुक्त लोन

जिन छात्रों की सालाना पारिवारिक आय 8 लाख या उससे कम है और वह किसी सरकारी स्कॉलरशिप के साथ ब्याज छूट का लाभ नहीं ले रहा है तो उसे मॉरेटोरियम पीरियड के दौरान 10 लाख रुपये तक के लोन पर 3 फीसदी ब्याज में छूट भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा जिन छात्रों की पारिवारिक साला आय 4.5 लाख रुपए है, उन्हें लोन लेने पर ब्याज देने से छूट प्रदान होगी।

इतने करोड़ रुपए खर्च करेगी सरकार

पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत ब्याज छूट सहायता हर साल 1 लाख छात्रों को प्रदान की जाएगी। इस योजना के लाभ में प्राथमिकता उन छात्रों को दी जाएगी, जो सरकारी संस्थान में हैं। साथ ही जिन्होंने टेक्निकल और प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं। सरकार के मुताबिक इस योजना पर वित्त वर्ष 2024-25 से 2030-31 के दौरान 3600 करोड़ रुपये खर्च करेगी। वहीं यह आशा की जा रही है कि इस अवधी के दौरान 7 लाख नए छात्रों को छूट का लाभ प्रदान की जाएगी।

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