अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का दर्जा बरकरार रहेगा, बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 4-3 के बहुमत से फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने AMU का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रखा है। चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़ ने अपने रिटायरमेंट से पहले बड़ा फैसला अलिगढ़ विश्वविद्दालय के पक्ष में सुनाया है। इसी के साथ-साथ ये भी जानकारी सामने आ रही है कि अब नए सिरे से सुप्रीम कोर्ट का अल्पसंख्यक दर्जा तय किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मामले की गहराई से सुनवाई की और बाद में इस फैसले पर पहुंची। इस मामले में AMU के खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक दर्जा संविधान की धारा 30 के तहत उचित नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया और विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे को बरकरार रखा। बता दें साल 2006 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि 1920 में एक शाही कानून के तहत स्थापित एएमयू अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान नहीं है।