Lucknow: भ्रष्टाचार का खुलासा…करोड़ों का गबन..जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर मंड़राया खतरा

करोड़ों के खेल में प्रॉपर्टी डीलरों और ठेकेदारों की भी मिलीभगत रही। उनके जरिये ही खेल किया गया। पता चला कि सरकारी धन का दुरुपयोग कर शहरी..

Lucknow: जिला पंचायत अध्यक्ष आरती रावत पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप में बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल जिला पंचायत अध्यक्ष आरती रावत पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप जांच में सही पाए गए हैं। डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने उनको दोषी पाया है। करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े के साथ ही अकूत संपत्ति के सुबूत मिले हैं। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। अब शासन अपने स्तर से मामले में कार्रवाई करेगा। जांच के मामले में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष समेत कई और भी लोग चपेट में आए हैं। उन पर भी कार्रवाई हो सकती है।

बता दें कि गोसाईगंज से जिला पंचायत सदस्य नीतू रावत ने आरती रावत के खिलाफ शासन में लिखित शिकायत की थी। नीतू ने शपथ पत्र देकर आरोप लगाया था कि सरकारी धन का गबन कर जिला पंचायत अध्यक्ष ने अकूत संपत्ति अर्जित की है। शिकायत का संज्ञान लेकर जांच के लिए डीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट भेज दी है।

सूत्रों के मुताबिक जांच में सामने आया है कि करोड़ों रुपये का गबन कर अकूत संपत्ति बनाई गई। जांच रिपोर्ट के बाद आरती रावत के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हो सकती है। इसके अलावा उनकी कुर्सी भी खतरे में पड़ सकती है। साल 2013 की बात करें तो विजय बहादुर अध्यक्ष चुने गए थे। वहीं साल 2016 में उनकी पत्नी माया देवी इसी पद पर चुनी गई। इसलिए ये दोनों लोग भी जांच की जद में आए हैं। आरती रावत विजय बहादुर की ही करीबी हैं।

कुछ इस तरह किया गया खेल :

सूत्रों के मुताबिक जांच में सामने आया कि कई ऐसे विकास कार्य, जो क्षेत्र पंचायत ने करवाए थे, जिला पंचायत ने फर्जीवाड़ा कर उनको करवाने का दावा कर रकम हड़प ली। कुछ ऐसे कार्यों का भी भुगतान कराया गया, जो कराए ही नहीं गए थे। जब मामले की शिकायत हुई तो आनन-फानन कार्य करवाकर भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश की गई। लेकिन, जांच में पूरा खेल उजागर हो गया।

करोड़ों के खेल में प्रॉपर्टी डीलरों और ठेकेदारों की भी मिलीभगत रही। उनके जरिये ही खेल किया गया। पता चला कि सरकारी धन का दुरुपयोग कर शहरी क्षेत्र में सड़को का निर्माण किया गया। पांच हज्जार बौने का मानचित्र स्वीकृत करने से लेकर दर्जन भर तरीकों से फर्जीवाड़ा किया गया।

दरअसल, आरती रावत भाजपा के समर्थन से चुनाव लड़ी थीं। उन्होंने रस्त्या समर्थित प्रत्याशी विजय लक्ष्मी को हराया था। हालांकि अब इस मामले में जब भाजपा जिला अध्यक्ष विनय प्रताप सिंह से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि आरती रावत को चुनाव में समर्थन तो दिया गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव में अनुशासनहीनता की वजह से उनसे पार्टी किनारा कर चुकी है। भाजपा किसी भी तरह के भ्रष्टाचारी का साथ नहीं देती है।

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