भारतीय सेना में शामिल हुआ ‘सबल’ ड्रोन, कठिन इलाकों में बढ़ेगी ऑपरेशनल क्षमता

नई दिल्ली : भारतीय रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। भारतीय सेना ने ‘सबल 20’ लॉजिस्टिक ड्रोन को अपनी ताकत में शामिल कर लिया है। इसे आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित किया गया है और यह कठिन भूभागों में सैनिकों को सामान पहुंचाने और उनकी ऑपरेशनल क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा।

पूर्वी क्षेत्र में पहली तैनाती

बुधवार को भारतीय सेना ने ‘सबल 20’ ड्रोन को पूर्वी थिएटर में तैनात किया। यह क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा, यह क्षेत्र आतंकवाद-रोधी अभियानों और मानवीय सहायता कार्यों के लिए भी अहम है।

डिजाइन और क्षमता

सबल 20 ड्रोन को एंड्योरएयर कंपनी ने बनाया है। यह एक इलेक्ट्रिक यूनमैन्ड हेलिकॉप्टर है, जो वेरिएबल पिच तकनीक पर आधारित है। इस ड्रोन में 20 किलोग्राम तक वजन उठाने की क्षमता है, जो इसके खुद के वजन का 50% है। इसे भविष्य में और बेहतर बनाने के विकल्प भी उपलब्ध हैं।

ड्रोन का डिजाइन चिनूक हेलिकॉप्टर की तकनीक से प्रेरित है। इसमें बड़े रोटर और टैंडम रोटर कॉन्फिगरेशन दिया गया है, जिससे यह अधिक वजन उठा सकता है और विभिन्न इलाकों में स्थिरता बनाए रखता है।

खासियतें

लंबी दूरी की डिलीवरी और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संचालन।

वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (VTOL) तकनीक के साथ संकरी और कठिन जगहों पर काम करने की क्षमता।

कम शोर और कम आवाज़ से दुश्मन को भनक नहीं लगने की संभावना।

स्वायत्त उड़ान तकनीक और आसान नियंत्रण, जिससे इसे BVLOS (बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट) परिस्थितियों में भी संचालित किया जा सकता है।

नई स्टील्थ तकनीक की भी घोषणा

आईआईटी कानपुर ने मेटामटेरियल सरफेस क्लोकिंग सिस्टम (अनालक्ष्य MSCS) नामक नई तकनीक भी लॉन्च की है। यह मेटामटेरियल माइक्रोवेव एब्जॉर्बर है, जो विभिन्न तरंगों को अवशोषित कर सकता है। इसका इस्तेमाल विशेष रूप से दुश्मन के सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) से बचने के लिए किया जाएगा।

इस तकनीक को मेटा तत्व सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को लाइसेंस के तहत निर्माण और उपयोग के लिए सौंपा गया है।

रक्षा क्षेत्र में नई दिशा

‘सबल 20’ और ‘अनालक्ष्य MSCS’ जैसी तकनीकों के साथ भारत रक्षा क्षेत्र में अपनी आत्मनिर्भरता और क्षमता को नई ऊंचाई पर ले जा रहा है। ये इनोवेशन राष्ट्रीय सुरक्षा और अत्याधुनिक तकनीक के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होंगे।

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