India: युवा बेरोजगारी दर वैश्विक औसत से कम, देश में तेजी से बढ़ रहे रोजगार के अवसर

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA), प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY),.

India: विपक्ष लगातार बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरता रहता हैं। यही वजह हैं कि इस पर चर्चा लगातार बढ़ी है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन (ILO) की एक रिपोर्ट ने भारत की स्थिति को साफ कर दिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में युवाओं के बीच बेरोजगारी दर वैश्विक औसत से कम है और रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। जो कि देश के युवाओं के लिए खुशी की खबर हैं। इससे साफ जाहिर होता हैं कि देश में रोजगार की कमी नहीं हैं।

2023 में युवा बेरोजगारी दर घटकर 13.3% पर आई

ILO की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में वैश्विक युवा बेरोजगारी दर 15.6% थी, जो 2023 में घटकर 13.3% पर आ गई। भारत में बेरोजगारी और रोजगार की स्थिति पर डेटा पिरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) द्वारा संकलित किया जाता है, जो भारतीय सांख्यिकी मंत्रालय (MOSPI) द्वारा किया जाता है। PLFS की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 15 से 29 साल की उम्र के युवाओं में बेरोजगारी दर 2023-24 में 10.2% थी, जो वैश्विक औसत से कम है।

रोजगार के बढ़ते अवसर

इसके अलावा, भारत में श्रम बल भागीदारी दर (WPR) 2023-24 में 41.7% तक पहुंच गई, जबकि 2017-18 में यह 31.4% थी। यह आंकड़े रोजगार के बढ़ते अवसरों को दर्शाते हैं।

7.03 करोड़ सदस्य इस योजना में नामांकित

EPFO ने मासिक डेटा जारी किया,जिससे यह साफ होता है कि औपचारिक क्षेत्र में रोजगार की स्थिति में सुधार हो रहा है। FY24 में EPFO के तहत 1.3 करोड़ नए सदस्य जुड़े, और सितंबर 2017 से अगस्त 2024 तक कुल 7.03 करोड़ सदस्य इस योजना में नामांकित हुए।

भारत सरकार चला रही कई योजना

भारत सरकार ने रोजगार सृजन के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों ने रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कई योजनाओं को लागू किया है, जैसे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA), प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY), और कई अन्य योजनाएं। इन योजनाओं के माध्यम से सरकार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।

इन सभी प्रयासों के साथ, सरकार का लक्ष्य न केवल रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है, बल्कि रोजगार क्षमता को भी मजबूत करना है।

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