
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के संभल में सैकड़ों वर्ष पुराने मंदिर को खोले जाने के पश्चात सोमवार को मंदिर में पूजा शुरू कर दिया गया। वही संभल के बाद अब काशी के मदनपुरा क्षेत्र में सैकड़ों वर्ष से बंद पड़े मंदिर को खुलवाने की मांग उठी है। सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा के साथ काशी के काई लोगो ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े मंदिर को खोले जाने की मांग किया। अपनी मांग को लेकर सोमवार की शाम सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा वाराणसी के पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया। सैकड़ो वर्ष पुराने मंदिर बंद होने की सूचना जैसे ही पुलिस को मिली वैसे ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच मंदिर के आस पास रहने वाले लोगो से पूछताछ किया। हालांकि पुलिस के पूछताछ में मंदिर कब से बंद है यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। जबकि स्थानीय लोगो ने सैकड़ों वर्ष से मंदिर बंद होने का दावा किया।


मुस्लिम परिवार की प्रॉपर्टी के बाहर स्थित है मंदिर, भगवान शिव का मंदिर होने का दावा
वाराणसी के दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के मदनपुरा में स्थित बंद पड़े मंदिर को खुलवाने की मांग करने वाले सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा का दावा है, कि मंदिर भगवान शिव का हो सकता है। काफी लंबे समय से मंदिर बंद होने की वजह से मंदिर किस देवी – देवता का है पुलिस भी अब तक स्पष्ट नहीं कर पाया। फिलहाल स्थानीय पुलिस बुजुर्ग और जानकारों से मंदिर के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में जुटी हुई है। मौके पर मौजूद मदनपुरा चौकी इंचार्ज अजितेश चौधरी ने बताया कि मंदिर काफी साल से बंद है। इस वजह से इसके बारे में कोई सही जानकारी मिल नहीं पा रहा है। मंदिर के बगल में जो प्रोपर्टी है वह साड़ी कारोबारी ताज ग्रुप का बताया जा था है। प्रारंभिक स्थानीय लोगो से पूछताछ में जानकारी मिली है, कि प्रॉपर्टी को करीब 150 साल पहले खरीदी गई थी।


पुलिस करेगी स्थानीय लोगो से वार्ता के पश्चात मंदिर खुलवाने की कवायत
सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा की मांग को लेकर डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि अजय शर्मा ने पुलिस से काफी साल से बंद पड़े मंदिर को खुलवाए जाने की मांग की है। फिलहाल स्थानीय लोगो से वार्ता चल रही है। मंदिर सार्वजनिक स्थल पर है और बंद पडा है, ऐसे में मंदिर को स्थानीय लोगो के साथ बैठक कर वार्ता के पश्चात खुलवाए जाने की कवायत की जाएगी। मंदिर को लेकर कोई विवाद जैसी स्थिति नहीं है और शांतिपूर्ण तरीके से मंदिर के बारे में जानकारी के बाद जो भी निर्णय होगा लिया जाएगा।









