Maha Kumbh 2025: अगर आप भी जा रहे हैं प्रयागराज तो इन जगहों को एक्सप्लोर करना बिलकुल न भूलें

अनुभव नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक यात्रा भी होगी। महाकुंभ के साथ-साथ, प्रयागराज में कुछ महत्वपूर्ण जगहें हैं, जिन्हें आपको अपनी यात्रा में शामिल करना चाहिए।

महाकुंभ 2025 में भाग लेने के लिए प्रयागराज जाने का प्लान कर रहे हैं, तो यह सिर्फ धार्मिक अनुभव नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक यात्रा भी होगी। महाकुंभ के साथ-साथ, प्रयागराज में कुछ महत्वपूर्ण जगहें हैं, जिन्हें आपको अपनी यात्रा में शामिल करना चाहिए।

  1. त्रिवेणी संगम

यह वह पवित्र स्थान है जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियां मिलती हैं। यहां स्नान करना आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यहां की अद्भुत छटा देखने लायक होती है।

  1. आनंद भवन और स्वराज भवन

यह ऐतिहासिक स्थल भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा है।
नेहरू परिवार का यह घर अब संग्रहालय में बदल दिया गया है, जहां आप भारतीय इतिहास की झलक देख सकते हैं।

  1. खुसरो बाग

मुगल स्थापत्य कला का यह अद्भुत नमूना एक ऐतिहासिक बाग है।
यहां शाहजहां के बड़े भाई खुसरो की कब्र स्थित है।

  1. अल्फ्रेड पार्क (चंद्रशेखर आज़ाद पार्क)

यह वही स्थान है जहां स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आज़ाद ने अंग्रेजों से लड़ते हुए बलिदान दिया था।
यह पार्क शहर के बीचों-बीच स्थित है और प्रकृति प्रेमियों के लिए शानदार जगह है।

  1. हनुमान मंदिर

त्रिवेणी संगम के पास स्थित इस मंदिर में लेटे हुए हनुमान जी की विशाल मूर्ति है।
महाकुंभ के दौरान यहां भक्तों की बड़ी संख्या देखने को मिलती है।

  1. अकबर का किला (इलाहाबाद किला)

गंगा नदी के किनारे स्थित यह किला मुगल बादशाह अकबर ने बनवाया था।
किले के अंदर अशोक स्तंभ और सरस्वती कूप देखने योग्य हैं।

  1. भारद्वाज आश्रम

यह आश्रम महाभारत काल का एक महत्वपूर्ण स्थान है, जहां ऋषि भारद्वाज ने तपस्या की थी।
यह जगह आध्यात्मिक शांति का अनुभव करने के लिए उपयुक्त है।

  1. प्रयागराज संग्रहालय

भारतीय संस्कृति, इतिहास और पुरातात्विक धरोहरों का यह संग्रहालय इतिहास प्रेमियों के लिए बेहतरीन जगह है।

यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:

स्नान का समय: महाकुंभ में विशेष स्नान की तारीखें होती हैं, जिन्हें ध्यान में रखें।
रहने की व्यवस्था: महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में भीड़ अधिक होती है, इसलिए अपने ठहरने की व्यवस्था पहले से कर लें।
स्थानीय भोजन: यहां का चाट, कचौड़ी और जलेबी का स्वाद लेना न भूलें।

महाकुंभ 2025 का यह अनुभव आपको आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ देगा।

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