
उत्तर प्रदेश की STF (Special Task Force) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। STF ने हाल ही में उस गैंग के दो सदस्य को गिरफ्तार किया है, जो राज्य की विभिन्न सरकारी परीक्षा के प्रश्न पत्रों की लीकिंग में शामिल थे। ये गिरफ्तारी विशेष रूप से 11 फरवरी 2024 को आयोजित हुई RO-ARO (रिवेन्यू इंस्पेक्टर और सहायक रिवेन्यू इंस्पेक्टर) प्रारंभिक परीक्षा से संबंधित है, जिसमें प्रश्न पत्र लीक होने की जानकारी मिली थी।
STF द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम रजनीश कुमार और धर्मेंद्र सेठ हैं। दोनों आरोपितों पर यह आरोप है कि उन्होंने RO-ARO परीक्षा के प्रश्न पत्र को लीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि इन आरोपियों ने परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र को अपनी साजिश का हिस्सा बनाया और उसे कुछ लोगों तक पहुंचाया, ताकि उन्हें परीक्षा में असमान रूप से लाभ मिल सके।
गैंग का था एक संगठित नेटवर्क – UP STF
STF की कार्रवाई के बाद, अधिकारियों ने बताया कि इस गैंग का एक संगठित नेटवर्क था, जो सरकारी परीक्षा के प्रश्न पत्रों की लीकिंग में सक्रिय था। यह नेटवर्क छात्रों से पैसे लेकर उन्हें परीक्षा के प्रश्न पत्रों की जानकारी देता था। एसटीएफ ने इस मामले की जांच के दौरान कई अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ की और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
गिरफ्तार किए गए रजनीश कुमार और धर्मेंद्र सेठ के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। इन दोनों आरोपियों के अलावा, एसटीएफ अन्य संभावित आरोपियों की तलाश में भी जुटी हुई है।
सरकारी परीक्षा में धांधली करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा – STF
STF के अधिकारियों ने बताया कि यह गिरफ़्तारी सरकारी परीक्षा के मामले में बड़ी सफलता है और यह राज्य के परीक्षा सिस्टम में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इस गिरफ़्तारी से यह संदेश जाएगा कि उत्तर प्रदेश में सरकारी परीक्षा में धांधली करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
RO-ARO प्रश्न पत्र लीक होने से हुआ था बवाल
गौरतलब है कि 11 फरवरी को हुई RO-ARO प्रारंभिक परीक्षा में लाखों उम्मीदवारों ने भाग लिया था। यह परीक्षा राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों में राजस्व निरीक्षक और सहायक राजस्व निरीक्षक के पदों के लिए आयोजित की जा रही थी। परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र लीक होने की सूचना के बाद एसटीएफ ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की थी।
STF के अधिकारियों का कहना है कि यह केवल शुरुआत है और आने वाले समय में इस तरह के मामलों को लेकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उनका उद्देश्य उत्तर प्रदेश में परीक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और सख्त बनाना है, ताकि कोई भी उम्मीदवार किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी का सहारा न ले सके।








