
चुनाव आयोग ने चुनावी नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत बूथों के सीसीटीवी फुटेज अब आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। चुनाव आयोग के इस नियम के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा की वो लोकतंत्र कैसा जहाँ जनता के आवाज़ उठाने पर ही पाबंदी लग जाए। मतदाता का अधिकार मारना, जनतंत्र के अधिकार को मारना है।
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि अगर तर्क ये है कि चुनाव आयोग किस-किस को जवाब देगा तो फिर इसी बात को आधार बनाकर कल को यही भाजपा सरकार ‘सूचना के अधिकार’ को भी ख़त्म कर देगी। मतदाता कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
बीजेपी पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादवने कहा कि ‘ये नए जमाने की इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग है। जो कोर्ट की निगरानी में होने वाली मतगणना में कैमरे के सामने हेराफेरी कर सकते हैं, वो अपने लोगों के बीच बूथ के बंद कैमरे में क्या नहीं कर सकते हैं?’ उन्होंने कहा, ‘अगर पीडीए के अधिकारी-कर्मचारी बदलकर धांधली न की होती तो भाजपा एक भी सीट के लिए तरस जाती। जैसा लोकसभा चुनाव में हुआ था। जब ऐसी व्यवस्था मिल्कीपुर में नहीं हो पाई तो वहां का चुनाव भी सरकार ने टाल दिया।’









