
New Delhi: म्यूचुअल फंड उद्योग ने 2024 में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। 2023 के शानदार प्रदर्शन के बाद, म्यूचुअल फंडों की संपत्ति में 17 लाख करोड़ रुपये का उछाल आया, जिससे उद्योग का कुल एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) नवंबर के अंत तक 68 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह बढ़ोतरी तेजी से बढ़ते इक्विटी बाजारों, मजबूत आर्थिक विकास और निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के कारण हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सकारात्मक रुझान 2025 तक जारी रह सकता है।
निवेशकों की संख्या में 5.6 करोड़ की बढ़ोतरी
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 9.14 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध प्रवाह हुआ। इसमें से सबसे ज्यादा योगदान था व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIP) का, जिसने अकेले 2.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश जुटाया। इसके साथ ही, म्यूचुअल फंड में निवेशकों की संख्या में 5.6 करोड़ की वृद्धि भी देखने को मिली है।
इक्विटी योजनाओं में रिकॉर्ड निवेश
इक्विटी फंडों में शुद्ध प्रवाह 3.53 लाख करोड़ रुपये रहा, और यह प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है। विशेष रूप से, SIP के माध्यम से निवेश लगातार बढ़ रहा है, जहां अक्टूबर और नवम्बर में मासिक SIP योगदान 25,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। यह निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड्स को एक आकर्षक और सुविधाजनक विकल्प बना रहा है।
सोने में बढ़ी दिलचस्पी
2024 में निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्पों की तलाश में थे, जिससे गोल्ड ETF में निवेश में तेजी आई। 9,500 करोड़ रुपये का निवेश सोने में देखा गया, जो आर्थिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनावों के बीच एक सुरक्षित विकल्प के रूप में उभरा है।
म्यूचुअल फंड उद्योग की ओर बढ़ रहा है निवेश
हाल ही में, क्षेत्रीय और विषयगत फंडों में भी दिलचस्पी बढ़ी है, जिनका एयूएम दिसंबर 2023 में 2.58 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 4.61 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसके साथ ही, नए फंड ऑफरिंग्स (NFOs) के माध्यम से 67,000 करोड़ रुपये जुटाए गए।
सेबी के नए नियम
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्यूचुअल फंड निवेश को और भी सरल और आकर्षक बनाने के लिए कई नए कदम उठाए हैं। अब, नए एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के लिए एमएफ लाइट फ्रेमवर्क और स्पेसिफाइड इन्वेस्टमेंट फंड जैसे उत्पादों के माध्यम से निवेशकों तक पहुंचने का अवसर मिल रहा है।
2025 तक जारी रह सकती है म्यूचुअल फंडों की वृद्धि
विशेषज्ञों का मानना है कि म्यूचुअल फंड उद्योग में सकारात्मक रुझान 2025 तक जारी रह सकता है, खासकर खुदरा निवेशकों की बढ़ती संख्या और SIPs के बढ़ते आकर्षण के कारण।