
Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) के जंगल में पिछले 24 दिनों से बाघ का आतंक जारी है। बाघ की लगातार मौजूदगी से ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। बाघ के साथ ही तेंदुए की भी उपस्थिति सामने आई है, जिसने एक वनरोज को अपना शिकार बना लिया है। वन विभाग द्वारा उठाए गए सुरक्षा उपायों के बावजूद बाघ की सही लोकेशन का पता नहीं चल पा रहा है, जिससे लोगों का आक्रोश बढ़ गया है।
बाघ की लगातार मूवमेंट से ग्रामीणों में दहशत
डीएफओ सितांशु पांडेय के मुताबिक, बाघ की मौजूदगी की जानकारी मिलते ही वन विभाग ने ट्रैप कैमरों, पिंजरों और मचान से निगरानी शुरू की थी, लेकिन बाघ की सही लोकेशन अभी तक नहीं मिल पाई है। बाघ अब तक कई बार लोगों के घरों और खेतों में घुस चुका है, जिससे इलाके में डर का माहौल है। रहमानखेड़ा में बाघ ने हाल ही में जंगली सुअर और सांड़ का शिकार किया था। अब बाघ का मूवमेंट मीठे नगर गांव के पास और सहिलामऊ रेलवे लाइन तक पहुंच चुका है। डीएफओ ने बताया कि बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 35 लोगों की टीम तैनात है, जिसमें वन विभाग की पांच टीमें और अन्य वन प्रभागों की टीमें शामिल हैं।
बाघ की शिकारियों के लिए चुनौतीपूर्ण तलाश
बाघ का ज्यादातर मूवमेंट रात के समय होता है, जिससे उसे पकड़ना चुनौतीपूर्ण बन गया है। वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, बाघ की गतिविधियां रात में अधिक होती हैं, और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की एसओपी के अनुसार, रात के समय बाघ को ट्रैंकुलाइज करना संभव नहीं है। रहमानखेड़ा का जंगल भी घना होने के कारण दिन में बाघ की गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल हो रहा है। इसके बावजूद, बाघ की मौजूदगी के पगमार्क और किए गए शिकारों से उसकी लोकेशन की पुष्टि हो रही है।
बाघ को पकड़ने के लिए दुधवा से बुलाया गया हाथी
बाघ को पकड़ने के लिए अब दुधवा नेशनल पार्क से एक हाथी को बुलाया गया है, जो बाघ की तलाश में मदद करेगा। इसके अलावा, बाघ के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए कॉलर आईडी लगाने की भी योजना बनाई गई है, ताकि बाघ की गतिविधियों पर बेहतर निगरानी रखी जा सके।
आक्रोशित ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग द्वारा समय रहते उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिससे उनकी जान-माल का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बाघ की पकड़ में देरी से उनके खेतों और घरों में और अधिक नुकसान हो सकता है। वन विभाग पर आक्रोशित ग्रामीणों ने जल्द कार्रवाई की मांग की है।
वन विभाग की बढ़ी मुश्किलें
ऐसे में बाघ की दहशत के बीच तेंदुए का शिकार और वन विभाग की मुश्किलें बाघ को पकड़ने में लगातार बढ़ती जा रही हैं। विभाग की कोशिशें जारी हैं, लेकिन बाघ की गतिविधियों और जंगली इलाके के कारण उसे पकड़ने में समय लग रहा है। जल्द ही बाघ की स्थिति पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं।









