
भक्त और भगवान के बीच भावनात्मक रिश्ता होता है। इसकी बानगी इन दिनों धर्म की नगरी काशी में देखने को मिल रहा है। वाराणसी में कड़ाके की ठंड की शुरुआत होते ही बाबा श्री काशी विश्वनाथ सहित तमाम देवालयों में भगवान को रजाई और गर्म कपड़े पहनाए जा रहे है। द्वादश ज्योर्तिलिंगो में शामिल बाबा श्री काशी विश्वनाथ के गर्भ गृह में श्रृंगार आरती के दौरान वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच बाबा श्री काशी विश्वनाथ को ठंड से बचाने के लिए रजाई ओढ़ाया जा रहा है। ठंड के मौसम में प्रतिदिन यह परंपरा मंदिर के अर्चकों के द्वारा निभाई जा रही है। वही भक्तों की इस भावना को देख हर कोई हैरान हैं।
भक्त दर्शाते है अपनी भावना, बदलते मौसम के साथ भगवान का बदलते है वस्त्रॅ
काशी के भक्त अपने आराध्य भगवान को अपनी भावनाओं के अनुरूप देखते है। यही वजह है, कि बदलते मौसम के साथ भक्त खुद और अपने आराध्य को भी उसी भावना से वस्त्र अर्पित करते है। ठंड के मौसम में गर्म वस्त्र, तो गर्मी के मौसम में अपनी तरह आराध्य को गर्मी से बचाने के लिए एसी और पंखे की व्यवस्था करते है। बाबा श्री काशी विश्वनाथ को रजाई ओढ़ाए जाने को लेकर मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि भक्त अपने आराध्य को उसी भाव से देखते है, जो भक्त खाते है और जो पहनते है अपने आराध्य को भी उसी का भोग और वस्त्र को अर्पित करते है। भक्तों की इन्हीं भावनाओं को देखते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी श्रृंगार के दौरान रजाई ओढ़ाया जा रहा है।








