
वायरलेस चार्जिंग का नाम हम सभी ने सुना हुआ है। आप जानते ही होंगे आज कले के समय में ज्यादातर महंगे स्मार्टफोन में वायरलेस चार्जिंग का सपोर्ट होता है। जिसके चलते हम दूसरे डिवाइस से अपने डिवाइस को बिना कनेक्ट किए चार्ज कर सकते हैं। लेकिन ये तकनीक इतनी भी कामयाब नहीं उसके पीछे कई वजहें हैं, जैसे-
ओवरहीटिंग- स्मार्टफोन को चार्ज करते वक्त वायरलेस मोड में भी हीटिंग इशू सामने आया है। जिसके चलते फोन की परफॉर्मेंस पर गलत असर पड़ता है।
स्लो चार्ज- वायर्ड चार्जिंग की तरह अभी वायरलेस चार्जिंग इतनी तेज नहीं तो आप इस पर निर्भर होकर अपने फोन को जल्दी चार्ज नहीं कर सकते हैं।
बिजली भी होती है बर्बाद- वायरलेस चार्जिंग में बिजली की बर्बादी ही होती है। इस तरह चार्ज करने से कभी भी चार्जिंग की न तो स्पीड बढ़ती है और न ही बैटरी कभी भी पूरी तरह चार्ज हो एक बार में उपर से पूरी तो कभी भी चार्ज नहीं होती।
कॉस्ट एफेक्टिव नहीं- जिन स्मार्टफोन और स्मार्टवॉच में वायरलेस चार्जिंग दी जाती है, उसकी कीमत ज्यादा होती है, क्योंकि वायरलेस चार्जिंग के लिए फोन के हार्डवेयर में बदलाव करना होता है। तो कुल मिलाकर ये तकनीक इतनी भी ज्यादा कामयाब नहीं है। हालांकि, किसी भी वक्त इमरजेंसी आ सकती है तो उस वक्त के लिए अगर फोन में बैटरी नहीं है तो फोन को चार्ज करने के लिए आप इसका इस्तमाल कर सकते हैं।