
Earthquake Tremors: दुनियाभर में भूकंप के झटके आए दिन महसूस किए जा रहे हैं, और 2024 में इनकी संख्या में काफी वृद्धि हुई है। पिछले साल जितने भूकंप आए, उतने पहले कभी नहीं आए। भारत, पाकिस्तान, नेपाल, ईरान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, चीन, और तिब्बत समेत कई देशों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। हाल ही में, नेपाल में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया, लेकिन सौभाग्यवश किसी भी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) January 7, 2025
7.1-magnitude earthquake in Tibet close to the border with Nepal.
The tremors were felt across Delhi-NCR and various parts of North India. pic.twitter.com/OyxzgDcmxZ
भूकंप क्यों आता है?
भूकंप तब आता है जब धरती की प्लेट्स आपस में टकराती हैं। धरती की 7 प्रमुख प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं, और इन प्लेट्स के बीच घर्षण और टकराव होता है। जहां ये प्लेट्स टकराती हैं, उस स्थान को “फॉल्ट लाइन” कहा जाता है। जब दबाव बढ़ता है, तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और टूटने से उत्पन्न तरंगें फैलने लगती हैं, जिससे धरती कांपने लगती है। इसे ही हम भूकंप कहते हैं।
#Bihar: #Earthquake tremors were felt in several parts of Bihar, including Patna, Supaul, Araria, Sheohar, Siwan and other regions today. pic.twitter.com/W6tXaZHeE3
— All India Radio News (@airnewsalerts) January 7, 2025
भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?
भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है, जो 1 से 9 तक के स्तर पर होता है। जहां से तरंगें निकलती हैं, वह भूकंप का “एपीसेंटर” कहलाता है, और वहीं पर सबसे अधिक कंपन होता है। जैसे-जैसे ये तरंगें फैलती हैं, उनकी आवृत्ति कम होती जाती है।

भूकंप की तीव्रता और उसका खतरा
2 से 2.9: हल्का कंपन
3 से 3.9: ट्रक के गुजरने जैसा असर
4 से 4.9: खिड़कियां टूट सकती हैं, दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं
5 से 5.9: फर्नीचर हिल सकता है
6 से 6.9: इमारतों की नींव दरक सकती है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है
7 से 7.9: इमारतें गिर सकती हैं, पाइप फट सकते हैं
8 से 8.9: बड़े पुल गिर सकते हैं, सुनामी का खतरा
9 और उससे अधिक: पूरी तबाही, जमीन पर खड़े व्यक्ति को धरती लहराते हुए महसूस होगी, सुनामी का खतरा