
दिल्ली- 1 फरवरी को पेश होने वाले आगामी केंद्रीय बजट में वित्त वर्ष 26 के लिए 10 से 10.5 प्रतिशत के बीच नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि का अनुमान लगाया गया है, यह जानकारी बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा 10 अर्थशास्त्रियों के सर्वेक्षण से मिली है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी पहले अग्रिम अनुमानों में वित्त वर्ष 25 के लिए 9.7 प्रतिशत की नाममात्र जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
मौजूदा बाजार मूल्यों पर गणना की गई नाममात्र जीडीपी में मुद्रास्फीति के प्रभाव को शामिल किया जाता है। इसका उपयोग राजकोषीय घाटा, राजस्व घाटा और ऋण-से-जीडीपी अनुपात जैसे महत्वपूर्ण व्यापक आर्थिक संकेतकों की गणना के लिए आधार के रूप में किया जाता है।
आने वाले केंद्रीय बजट में वित्त वर्ष 2026 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 10 से 10.5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है। यह जानकारी बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से मिली है, जिसमें 10 प्रमुख अर्थशास्त्रियों से राय ली गई।
यह वृद्धि मुख्य रूप से उपभोक्ता खर्च, निवेश, और निर्यात में वृद्धि के कारण होने की संभावना है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च मुद्रास्फीति और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच यह अनुमान चुनौतीपूर्ण हो सकता है। केंद्रीय बजट में इन मुद्दों के समाधान के लिए नीति प्रस्तावों की उम्मीद है।









